Difficult to take initiative in the direction of privatization of public sector banks in the current financial year
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  • एटीएम मशीनों में केवल 500 रु. के ही नोट

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गोंदिया. शहर के अधिकांश एटीएम कई बार खाली रहते हैं. वहीं अब कई एटीएम मशीनों में केवल 500 रु. के ही नोट निकल रहे है. 100 और 200 के नोट गिने चुने एटीएम में ही मिल रहे है. सरकार ने हाल ही में 2 हजार के नोटों को न छापने का ऐलान कर दिया. एटीएम से काफी पहले ही 2 हजार का नोट गायब हो गया था. कोरोना काल में लाकडाउन के कारण लोग अब बैंक शाखाओं में जाना पसंद नही कर रहे है.

शाखाओं में भीड़भाड़ से बचने के लिए भी काफी लोग अब आनलाइन बैंकिंग का उपयोग करने लगे है. कैश निकासी के लिए एटीएम पर ही अधिक बोझ पड़ा है. लाकडाउन के कारण अधिकतर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई है. इस कारण बड़ी रकम का भी ज्यादा लेन देन नहीं हो रहा. दैनिक खर्चो के लिए 50, 100 व 200 जैसे छोटे करेंसी की अधिक डिमांड है. बताया जाता है कि इसी वजह से लोगों ने बड़ी मात्रा में कम मूल्य वाले करेंसी नोटों को जमा कर लिया है. इससे इनकी शार्टेज हो गई. एटीएम से छोटे नोट न निकलने से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पेट्रोल पंपों पर भी किल्लत

आम दिनों में पेट्रोल पंपों पर बड़े नोट की चिल्लर आसानी से मिल जाया करती थी. लेकिन अब वहां भी यह समस्या दिखाई दे रही है. लाकडाउन के कारण पेट्रोल पंपों की बिक्री कुछ हद तक कम हो गई है. इसके कारण वहां भी कैश की किल्लत हो गई है. वहां भी कई बार ग्राहकों द्वारा बड़ा नोट देने पर कुछ देर इंतजार करना पड़ रहा है.