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गोंदिया. कोरोना काल के बीच नवरात्रोत्सव की 17 अक्टूबर से शुरुआत हो गई है. हर वर्ष नवरात्रि उत्सव बड़ी धूमधाम व श्रध्दा के साथ मनाया जाता है. वहीं इस बार जिला प्रशासन ने दुर्गोत्सव मंडलों पर नियम व शर्तें लाद दी है. जिससे 112 मंडलों को नवरात्रि उत्सव से वंचित रहना पड़ गया है. इस वर्ष सार्वजनिक स्थानों पर 4 फीट व घरेलू 2 फीट की दुर्गा व शारदा मूर्तियों की स्थापना की गई है. जिला प्रशासन ने 390 मंडलों को अनुमति प्रदान की है.

व्यापार भी प्रभावित

इसके पूर्व कोलकाता जैसे महानगरों से मूर्तिकारों द्वारा गोंदिया में आकर 10 से 12 फीट ऊंची मूर्तियां बनाई जाती थी. जबकि इस बार शासन ने कम ऊंचाई वाली मूर्ति बनाने के आदेश दिए है. इसके साथ ही बड़े-बड़े पेंडाल बनाए जाते थे. जिसे भव्य व आकर्षक झांकियों से सजाया जाता था. प्रशासन ने मंडप व पंडालों का आकार छोटा कर दिया है. जिससे दुर्गोत्सव की रौनक ही गायब हो गई है. वहीं इस मंडप व इलेक्ट्रानिक से जुड़े व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ गया है.  

उपवास की वस्तुओं की बढ़ी मांग

जिले में नवरात्रि उत्सव के दौरान नव दिनों तक श्रद्धालु पूजापाठ करने के साथ उपवास भी रखते है. जिससे उपवास संबंधी खाद्य सामग्री की मांग बढ़ गई है. इसमें साबुदाना 70 रुपये किलो, फल्लीदाना 110 रुपये किलो, भगर 100 रुपये किलो व सिंगाडे का आटा 60 रुपये किलो बिक रहा है. इस संबंध में किराना व्यवसायी छोटू बिसेन ने बताया कि साबुदाना व भगर की मांग अधिक है. इसके अलावा हल्दीराम के फरारी पैकेट की भी खूब बिक रहे हैं. फलों की बिक्री में भी वृद्धि देखी जा रही है.