Unemployment
प्रतीकात्मक तस्वीर

  • बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने उठाने होंगे कड़े कदम

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गोंदिया. जिले में बेरोजगारों की फौज दिन ब दिन बढ़ रही हैं. इसमें कोरोना काल ने बड़ा कुठाराघात किया है. जिससे बेरोजगारों की संख्या में बड़ा इजाफा हो गया है. कोरोनाकाल में लॉकडाउन व संचारबंदी घोषित के बाद 60 हजार से अधिक नागरिक अब तक अपने गृह जिला गोंदिया लौट चुके हैं. इसमें 30 हजार से अधिक वह है जिनका बना बनाया रोजगार छीन गया है. इसमें से कुछ युवक घर पर बैठकर ही कम्पनी के विभिन्न काम ऑनलाइन प्रक्रिया से कर रहे हैं. जबकि हजारों युवक व युवतियां कोरोना से उपजी समस्या पूर्ववत होने की बांट जोह रहे हैं.

कम्पनियों का अकाल
जिले में रोजगार देने वाली बड़ी बड़ी कम्पनियों का अकाल हैं. जिले में एकमात्र अदानी विद्युत प्रकल्प तिरोड़ा तहसील में स्थापित किया गया है. जहां प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोग काम कर रहे हैं. इसके अलावा अदानी प्रकल्प के अधिकारी सीएसआर निधि के माध्यम से उपक्रम संचालित कर युवक व महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रम में गोंदिया स्थित महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) मुंडीपार में उद्योग की इकाइयां कार्यरत है. जहां अनेक लोगों को काम मिला है. जिले में बढ़ती बेरोजगारों की फौज को ध्यान में रखकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने जनप्रतिनिधियों को युध्दस्तर पर प्रयास करने की जरूरत है. इस समस्या का निवारण करने सांसद प्रफुल पटेल ने हाल ही में गुजराती नेशनल स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह में पधारे अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी से चर्चा कर जिले में उद्योग लगाने के लिए राजी किया. 

जिला उद्योग केंद्र की योजना बंद
जिले के सुशिक्षित बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से विभिन्न योजना संचालित की जा रही है. कोरोना काल में जिला उद्योग ने सभी योजना बंद कर दी है. इसके पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से बेरोजगार युवाओं के प्रस्ताव आमंत्रित कर उन प्रस्तावों को सीधे राष्ट्रीयकृत बैंकों में भेजा जा रहा था. 

जिले में बढ़ रही बेरोजगारों की संख्या
केंद्र सरकार ने संपूर्ण देश में बेरोजगार व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं को सीधे 10 हजार रुपये का कर्ज देने की घोषणा की है. किंतु इस घोषणा के 4 महीने बाद भी जिला प्रशासन के माध्यम से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. जबकि निकटवर्ती जिलों में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है. योजना के लागू हो जाने पर जिले के हजारों युवा अपना छोटा मोटा रोजगार शुरू कर सकेंगे. जिले में बेरोजगारों की बढ़ रही संख्या यह चिंता का विषय है. शासकीय कार्यालयों में छंटनी शुरू है. शासन ज्यादा वेतन देने से बचने एनजीओ के साथ अनुबंध कर रहा है. एनजीओ वाले बेरोजगार युवकों को बिना अतिरिक्त लाभ वाले काम देते हैं.