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  • पशुसंवर्धन विभाग का उपक्रम

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गोंदिया. अतिवृष्टि से गोंदिया तहसील के 18 व तिरोड़ा तहसील के 8 इस तरह 26 गांवों में बाढ़ से बड़े पैमाने पर खेतों व घरों में पानी जमा हो गया था. 31 अगस्त के बाद स्थिति पूर्ववत हो गई. ऐसे में पशु पालकों को जानवरों का ध्यान रखने के लिए कुछ मार्गदर्शक सूचना दी गई है.

बाढ़ की परिस्थिति निर्मित होने के पूर्व अपेक्षित प्रभावित गांवों के जानवरों को घटसर्प (8795) व एक टांग्या (7365 डोज) रोगों का निवारण करने टीकाकरण किया गया है. जिले में संक्रमण लम्पी स्किन रोग का प्रभाव हुआ था.

वर्तमान में बीमारी समाप्त हो गई है. इतना ही नहीं नए मरीजों की संख्या भी कम हो गई है. इसके बाद भी इसका टीकाकरण शुरू है. इस बीमारी से जानवरों की मृत्यु नहीं होती है. जिससे किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. बीमार जानवर उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं.

बाढ से खराब हुए चारा जैसे तनस आदि जानवरों को खाने के लिए न दें, बाढ़ में भिगे चारे पर फफूंदी लग जाती है. इस चारे का खाने पर जानवरों में श्वास की बीमारी निर्माण हो सकती है. जानवरों को पीने के लिए स्वच्छ जंतुरहित पानी उपलब्घ कराने का आव्हान जिप पशु संवर्धन अधिकारी डा. कांतीलाल पटले ने किया है.