Sand
file Photo

Loading

आमगांव (सं). तहसील के वड़द ग्राम परिसर में सुनियोजित ढंग से रेत का अवैध उत्खनन निरंतर हो रहा है. इस उत्खनन के दौरान एक निर्दोष व्यक्ति की जान भी चली गई. इस प्रकरण में अनिल बिसेन व शासकीय विभाग के दोषी होने का आरोप नविन बोपचे व नविन तुरकर ने एक चर्चा में लगाया है. उन्होंने इस प्रकरण की सीआईडी जांच की मांग की है. 5 मई से शासकीय नाला परिक्षेत्र से बहकर आई रेती खेत में होने की जानकारी अनिल बिसेन को मिली.

इस दौरान बिसेन ने खेत मालिक गजानन पारधी को रु. का लालच देते हुए रेती का अवैध उत्खनन किया. रेती की जब्ती की कार्रवाई तहसीलदार, मंडल अधिकारी व पटवारी की सहमति से होने का आरोप लगाया गया. अवैध उत्खनन प्रकरण के संदर्भ में तहसीलदार, मंडल अधिकारी तथा पटवारी को सूचना दी गई लेकिन समय पर ध्यान नहंी दिया गया.

31 मई को रेती की निलामी अनिल बिसेन के नाम से सुनियोजित तरीके से की गई. इसकी 100 ब्रास रेती उत्खनन की अनुमति के बावजूद अधिक मात्रा में रेती का उत्खनन किया गया. इस संदर्भ में 17 मई को तहसीलदार को जानकारी दी गई. अनिल बिसेन द्वारा हजारों ब्रास रेती का उत्खनन किया गया. जबकि जांच में 1038 ब्रास रेती का पंचनामा किया गया. हजारों ब्रास रेती का उत्खनन होने के बावजूद मात्र 104 ब्रास रेती का ही दंड ठोका.

इस प्रकरण में निविदाकर्ता अनिल बिसेन पर 2 करोड़ रु.का जुर्माना ठोका जाना था. लेकिन रॉयल्टी रसीद में गड़बड़ी, यातायात कर रहे वाहनों की संख्या, वाहन क्र., समय, तारीख इस तरह सभी प्रकार की गडबड़ी अवैध रेती उत्खनन प्रकरण में दिखाई दे रही है. इस प्रकरण को दबाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन निर्दोष किसान को इसमें अपनी जान गवानी पड़ी. उक्त प्रकरण की सीआईडी द्वारा जांच कराकर दोषी को कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की गई.