- 25 प्रश पालकों ने दी रजामंदी
गोंदिया. राज्य शासन ने कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक शाला शुरू करने के निर्देश दिए. इसमें शाला शुरू करने के निर्देश होने के बाद भी प्रत्यक्ष निर्णय जिलाधीश को लेना था. जिससे जिलाधीश दीपककुमार मीना ने 23 नवंबर से शाला शुरू करने के निर्देश दिए. जिले में 9वीं से 12वीं कक्षा तक कुल 226 शालाएं हैं. जिसमें से पहले दिन केवल 126 शाला शुरू हुई. किंतु 36 हजार 813 विद्यार्थियों में से 7 हजार 609 विद्यार्थी ही प्रथम दिन उपस्थित थे.
कोरोना वायरस के संक्रमण से इस वर्ष शाला का सत्र शुरू नहीं हो पाया. केवल ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही थी. इस ऑनलाइन शिक्षा में सभी विद्यार्थी शामिल नहीं हो पा रहे थे. जिससे विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में था. कुछ पालकों ने कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रत्यक्ष शाला शुरू नहीं करने भूमिका रखी. अधिकारियों ने नियम व शर्तों के साथ शाला शुरू करने की अनुमति दी. जिले के 36,000 में से सिर्फ 9 हजार 186 पालकों ने अपने पाल्यों को शाला में भेजने के लिए सहमति लिखकर दिया है. यानि 25 प्रश पालकों ने ही सहमति दर्शायी है.
54 शिक्षकों को कोरोना
शाला शुरू करने के पूर्व शाला के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए कोरोना टेस्ट करना बंधनकारक किया गया है. जिससे बड़ी संख्या में शिक्षकों ने टेस्ट कराया. जिले में कुल शिक्षकों की संख्या 2 हजार 98 व शिक्षकेत्तर कर्मियों की संख्या 878 है. इसमें से 1 हजार 564 शिक्षकों ने अपनी जांच की है. वहीं 461 शिक्षकेत्तर कर्मियों ने कोरोना टेस्ट कराया है. इसमें 54 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए है. जिसमें गोंदिया के 15, तिरोड़ा 9, गोरेगांव 7, आमगांव 7, सालेकसा 7, देवरी 11, सड़क अर्जुनी 8 व अर्जुनी मोरगांव के 5 शिक्षकों का समावेश है.
प्रथम दिन शाला में गोंदिया तहसील की 66 शाला में 957, तिरोड़ा में 41 शाला में 1247, गोरेगांव 33 शाला में 1566, आमगांव 26 शाला में 1566, सालेकसा की 24 शाला में 1466, देवरी की 32 शाला में 787, सड़क अर्जुनी की 37 शाला में 548 व अर्जुनी मोरगांव तहसील अंतर्गत 43 शालाओं में 547 विद्यार्थी उपस्थित थे. जिले की 200 शालाओं में थर्मल स्कॅनिंग व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है.