Crop Insurance

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गोंदिया. प्राकृतिक आपत्ति से नुकसान हुए फसल बीमा धारक 1899 किसानों ने बीमा कम्पनी में शिकायत की है, किंतु बीमा कंपनी ने इसमें से केवल 112 किसानों को मुआवजे के लिए पात्र ठहराया है, जिसकी वजह से फसल बीमा योजना को किसानों का दिन ब दिन प्रतिसाद कम मिल रहा है.

जिले के 56 हजार 640 किसानों ने 28,915 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत गत वर्ष खरीफ मौसम में कराया था. इन किसानों ने बीमा किश्त के रूप में 2 करोड़ 2 लाख की किश्त भरी थी, इसमें प्राकृतिक आपत्ति से नुकसान होने पर मिनीमम भुगतान की राशि मिलेगी ऐसी अपेक्षा किसानों को थी, जबकि बीमा कम्पनियों ने किसानों की आशा व अपेक्षाओं पर पूर्णत: पानी फेर दिया है.

लौटती बारिश से भारी क्षति

गत वर्ष खरीफ मौसम के अगस्त व सितंबर में बाढ़ की स्थिति, कीड़ों का प्रभाव, लौटती बारिश से बड़े पैमाने पर फसल को नुकसान हो गया जिससे कई किसानों का लागत खर्च भी निकलना मुश्किल हो गया था. फसल बीमा कम्पनी की नीति के अनुसार किसानों ने नुकसान मुआवजे की जानकारी 72 घंटे में बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों को दी. इस पर बीमा कम्पनी ने मुआवजे के लिए 3 अलग-अलग मानक तय किए हैं   जिससे हजारों फसल बीमा धारक किसानों को नुकसान मुआवजे से वंचित रहना पड़ा है.

बीमा कंपनी ने 4 हजार किसानों की मंजूरी की नुकसान मुआवजा की रकम केवल 70 लाख रु. है. जिले में खरीफ मौसम में धान बुआई का कुल क्षेत्र 1 लाख 99 हजार है,  फसल बीमा के लिए कुल संरक्षित क्षेत्र 28 हजार 915 है, जिसमें फसल बीमा धारक किसानों की संख्या 56 हजार 640 है, इसमें से 4100 किसान पात्र ठहराए गए है. जबकि 54 हजार किसान मुआवजे से वंचित कर दिए गए है. 

3,958 किसान पात्र 

फसल बीमा कम्पनी ने खरीफ मौसम की प्रतिकूल स्थिति के मानक अनुसार 3958 किसानों  को पात्र ठहराया, उन्हें नुकसान के रूप में 59 लाख 3 हजार रुपये का मुआवजा मंजूर किया है. इसमें बाढ़ का असर, लौटती बारिश से हुए नुकसान व कीड़ रोगों के प्रभाव से फसलों का नुकसानग्रस्त 1899 फसल बीमा धारक किसानों ने 72 घंटे के अंदर बीमा कम्पनी से शिकायत की. इस पर कम्पनी ने पंचनामे कर सिर्फ 112 किसानों को पात्र ठहराया है, जबकि इन्हें भी अब तक मुआवजा नहीं मिला है.

धान फसल कटाई के दौरान जिले में बेमौसम बारिश ने हाजिरी लगाई. जिससे धान के कड़पा भीग कर बड़े पैमाने पर धान का नुकसान हो गया, इसके लिए 59 किसानों ने शिकायत की थी, इसमें से सिर्फ 36 किसानों को पात्र ठहराया गया, उन्हें केवल 2 लाख 33 हजार रुपये का मुजावजा मंजूर किया गया.