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    • जनप्रतिनिधियों से तत्काल समस्या हल करने की मांग

    सड़क अर्जुनी. तहसील में एमआयडीसी स्थापित कर रोजगार निर्मिति की मांग वैसे तो पुरानी है, लेकिन कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति के बाद यह मांग फिर से जोर पकड़ रही है. तहसील को स्थापित हुए 28 वर्ष बीत गए हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक कुछ नहीं किया गया जिससे यहां का युवा वर्ग रोजगार के लिए अब भी अन्य शहरों में जाने को मजबूर है. कोरोना से व्यापार व रोजगार प्रभावित हुआ है. काम नहीं मिलने से तहसील में 2500 के लगभग मजदूर विभिन्न राज्य व जिलों से लौटे हैं.

    इसमें कुछ परिवार तेलंगाना राज्य से तो कुछ नागपुर, पुणे, औरंगाबाद आदि बड़े शहरों से आए हैं. तहसील के लोग प्रमुखता से कृषि पर निर्भर हैं, खेती के कार्य निपटने के बाद खेत मजदूर व युवक रोजगार के लिए बड़े राज्य, शहरों व अन्य राज्यों में जाते हैं, लेकिन कोरोना के कारण काम नहीं होने से वे गांवों में लौट आए हैं. उनके सामने अब रोजगार व जीवननिर्वाह की समस्या निर्मित हो गई है. 

    रोजगार की दिशा में नहीं हुई कोई पहल

    तहसील में 10,968.87 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के तहत है, वहीं 9,740.13 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा नहीं है. सिंचाई के साथ ही विभिन्न कारणों से फसल नहीं हुई तो किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ जाता है. (एमआयडीसी) स्थापित करना आवश्यक है. इसे लेकर लंबी अवधि से मांग की जा रही है. चुनकर आने वाले जनप्रतिनिधि फिर वह किसी भी पार्टी का हो रोजगार की समस्या हल करने केवल आश्वासन देते हैं, लेकिन उस दिशा में कोई पहल होती दिखाई नहीं देती.

    तहसील में औद्योगिक क्षेत्र निर्मित करने की नितांत आवश्यक है. विभिन्न राज्य व जिलों से लौटे मजदूरों को यहां काम नहीं मिलने से एमआयडीसी की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है. जनप्रतिनिधियों से इस गंभीर विषय में तत्काल ध्यान देना चाहिए ताकि रोजगार की समस्या हल हो सके और युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करने की नौबत न जाए.