Complaint against DFO at Ramnagar police station, farmers upset with behavior

  • धान के भाव में केवल 53 रु.की वृद्धि

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गोंदिया (का). उत्पादन खर्च अनुसार किसानों के उत्पादित किए खेत माल को भाव मिले ऐसी अपेक्षा किसानों की है. लेकिन सोमवार को केंद्रिय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने आगामी खरीफ सीजन के लिए विभिन्न फसल के हमी भाव में वृद्धि की है. इसमें धान के हमी भाव में केवल 53 रु.की भाव वृद्धि की गई है. अल्प भाव वृद्धि करने से धान उत्पादक किसानों में नाराजगी है. जिले के धान उत्पादक किसानों को पिछले कुछ वर्षो से नैसर्गिक तथा सुलतानी संकटों का सामना करना पड़ रहा है.

इसमें कभी अकाल तो कभी अतिवृष्टि, कभी किड़ों का प्रकोप ऐसी स्थिति में भी जिले के किसान हमेशा भारी उत्पादन के लिए कठिन परिश्रम करते है. इसके बावजूद उनके उत्पादित खेती माल को पर्याप्त भाव नहीं मिल रहा है.जबकि शासन हमेशा किसानों के साथ खड़ा होने की बात कहता है.

वहीं आज भी धान उत्पादकों को उत्पादन खर्च अनुसार भाव नहीं मिल रहा है. एक एकड़ में 10 से 12 क्विंटल धान का उत्पादन होता है. याने जितना उत्पादन खर्च लगता है उतने रु.का उत्पादन होता है. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा है. किसानों के उत्पादित माल को हमी भाव मिले इसके लिए केंद्र शासन हर वर्ष हमी भाव की घोषणा करता है. सन 2020-21 इस वर्ष के लिए केंद्र शासन ने सर्वसाधारण धान को 1868 रु.व अ श्रेणी वाले धान को 1888 रु. का हमी भाव घोषित किया है. जबकि गत वर्ष यह भाव क्रमश: 1815 व 1835 रु. प्रति क्विंटल था.

मांग की अपेक्षा भाव कम
राज्य शासन ने 15 प्रश.मुनाफे सहित धान को कुल 3 हजार 921 रु.हमी भाव मिले ऐसी मांग की थी. जबकि राज्य के दर की अपेक्षा 54 प्रश. दर केंद्र शासन ने कम कर दिया. वहीं ज्वारी, बाजरी, मकई, तुअर, मुंगफल्ली, सोयाबीन, सूर्यफूल व कपास जैसी फसलों में राज्य शासन की सिफारिश अनुसार कटौती की गई है. जिससे उत्पादन खर्च पर आधारित 50 प्रश. हमी भाव देने की केंद्र शासन की घोषणा पुन: फेल हो गई.

सीधे मिले हमी भाव
राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने गत 2019-20 खरीफ सीजन में केंद्र सरकार के हमीभाव के अतिरिक्त 700 रु. प्रति क्विंटल सानुग्रह अनुदान देने पर इस वर्ष जिले के धान उत्पादक किसानोंं को प्रति क्विंटल सर्वसाधारण धान के लिए 2515 रु.का भाव मिला है. इसका परिणाम यह हुआ कि जिले के हमीभाव धान केंद्रों पर बड़ी संख्या में किसानों ने धान की बिक्री की है.