गोंदिया (का). कोरोना की लहर से उबरने के बाद एक बार शहर सहित अन्य सभी व्यवसाय खुल गए है. हालांकि आदेश में खेलों को लेकर जारी शर्तों से खिलाड़ियों में नाराजगी छा गई. शासन ने आउटडोर खेलों की प्रैक्टिस के लिए अनुमति दे दी, लेकिन इंडोर गेम्स को बंद ही रखा है.
सलून, पार्लर से खतरनाक नहीं इंडोर गेम्स
खिलाड़ियों की नाराजगी होटल आदि को शुरू कर सकती है जहां संक्रमण को सबसे अधिक खतरा है. लेकिन शारीरिक व्यायाम करने वाले इंडोर गेम्स पर ताला ही लगाकर रखा जाता है. सलून और पार्लरों में छोटी सी जगह पर कई लोग मौजूद रहते है. वहां पर कई ग्राहकों पर एक ही टावेल का उपयोग होता है. मास्क की अनिवार्यता भी दिखाई नहीं देती, सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात है. जबकि इंडोर गेम्स में हर खिलाड़ी के पास अपनी किट होती है. साथ ही सीमित लोग होने से सोशल डिस्टेंसिंग का भी सटिक पालन संभव है. इसके बावजूद भी इंडोर गेम्स को बंद रखा गया है.
कौन से खेल अधिक सुरक्षित
खास बात है कि इन सारे नियमों का पालन इंडोर गेम्स में हो सकता है. लेकिन शासन को इंडोर गेम्स से अधिक आउटडोर गेम्स अधिक सुरक्षित लग रहे है. यह बात और है कि हाकी या फुटबाल की प्रैक्टिस या खेल के दौरान सोशल डिस्टेसिंग संभव ही नहीं. एक खिलाड़ी पसीने से भिगने के बाद दूसरे खिलाड़ी को भी लगना तय है. खुले मैदान पर पर्सनल सैनिटाइजेशन किट के उपयोग की भी पूरी संभावना नहीं. बावजूद इसके आउटडोर गेम्स अधिक सुरक्षित लग रहे है.