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आमगांव. ग्राम कातुर्ली के निवासियों ने रिसामा स्थित शिव मंदिर परिसर में आयोजित पत्रकार परिषद में बताया कि ग्राम – कातुर्ली में आबादी जमीन नहीं थी. महाराष्ट्र सरकार की ओर से जिलाधिकारी गोंदिया ने दीपक मिश्रा नामक किसान से चार एकड जमीन खरीदी कर आबादी प्लाट निकाले व प्रति प्लाट की कीमत 121688 रु. निश्चित की गई.

जरूरतमंदों ने बताया की हमने जनप्रतिनिधि व पुर्व तहसीलदार का दरवाजा खटखटाकर आबादी प्लाट की कीमत कम करने की मांग की थी लेकिन मांग उचित नहीं है कहकर हमें लौटा दिया गया. फिर भी हम निराश नहीं हुये. आखिर पुर्व जिलाधिकारी डॉ. कादंबरी बलकवडे ने हमारी मांग 31 जनवरी 19 को स्वीकार कर 61000 रु. प्रति प्लाट की कीमत तय कर दी.

आगे बताया गया कि तहसीलदार आमगांव ने लगभग 300 से 350 आवेदको की ईश्वर चिठ्ठी निकाल कर 100 जरूरतमंदों के नाम प्लाट आवंटित किए गए. जब लेआउट/प्लाटिंग की गई है  वह आडी-तिरछी है तथा  प्लाट का एनए  नहीं है. ओपन प्लेस भी नहीं है. इसे लेकर प्लाट धारको मे असंतोष व्याप्त है. प्लाट धारकों ने  मांग की है कि लेआउट में सीधे प्लाट कर के ओपन प्लेस की जगह छोडी जाए व प्लाट का एनए किया जाए.

प्लाट की कीमत कम  कराने में  किसी  जनप्रतिनिधि का कोई योगदान नही है इस कारण ऐसे जनप्रतिनिधियों को प्लाट के पट्टे  वितरण से दुर रखा जाय. अन्यथा  काले झंडे दिखाने की चेतावनी  इस दौरान दी गई.  ग्राम कातुर्ली निवासी प्लाट धारक चंद्रकुमार कोरे, सुनिल कटरे, अनंतराम भेलावे, पुरुषोत्तम कटरे, राजेश शहारे, शालीक कोरे, जयेंद्र मेश्राम, योगराम अतकरी, दयाराम लांजेवार, देवेंद्र शहारे, भीमराव कांबडे, घनश्याम कटरे, लालचंद मेश्राम, राधेश्याम भांडारकर, राजेश बहेकार, शेरसिंह नैकाने,  नटू बिसेन , घनश्याम सोनवाने, पुनेश्वर भेलावे  उपस्थित थे.