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गोंदिया. शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत आर्थिक रुप से कमजोर विद्यार्थियों को अच्छी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है. इन विद्यार्थियों का शुल्क शासन संबंधित शालाओं को देता है, लेकिन जिले की शालाओं को लगभग 2 करोड़ रुपयों का अनुदान नही मिलने से कोरोनाकाल में इन शैक्षिक संस्थाओं को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. विशेष बात यह है कि आर्थिक रुप से कमजोर पालकों के पाल्यों के लिए अंग्रेजी माध्यम की शालाओं में 25 प्रश जगह आरक्षित की गई है. इसमें प्रवेश के लिए शासन के माध्यम से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया क्रियान्वित की जाती है.

आधार अपडेट बनी बाधा

शैक्षिक वर्ष में जिले के 700 से अधिक विद्यार्थियों को आरटीई अंतर्गत नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है. जिले की लगभग 140 शालाओं में 8 से 10 हजार विद्यार्थी उनकी पसंद वाली शाला में नि:शुल्क अध्यापन कर रहे है. इन प्रवेशित विद्यार्थियों का शैक्षिक शुल्क शासन के माध्यम से संबंधित शालाओं को दिया जाता है. इसके लिए आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थियों के आधार अपडेट होना आवश्यक है. जबकि अनेक विद्यार्थियों के आधार कार्ड में खामियां होने से वे आधार कार्ड अपडेट नहीं हो रहे. जिससे अनेक शालाओं के अनुदान मिलने में विलंब होने की बात कही जा रही है.

जिले की 140 शालाओं में से केवल 8 शालाओं के आधार पूर्णत: अपडेट है. इन शालाओं को संपूर्ण अनुदान की राशि दी गई है. इतना ही नहीं जिन शालाओं के जितने आधारकार्ड अपडेट हुए है उन सभी को अनुदान की राशि दी गई है. वहीं शेष विद्यार्थियों के आधार अपडेट करने की सूचना शिक्षा विभाग ने संबंधित शालाओं को दी है. जब तक 100 प्रश. आधारकार्ड अपडेट नहीं हो जाते तब तक अनुदान की पूर्ण राशि नही मिलेगी, ऐसी सूचना भी शिक्षा विभाग ने दी है. 

कर्मचारियों का अटका वेतन

विद्यार्थियों के आधार अपडेट करने के लिए हर पंस कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति करने का नियोजन किया गया, लेकिन पिछले 8 माह से विद्यार्थियों के लिए शाला बंद है. जिससे इन निजी शालाओं की आवक बंद हो गई और शालाओं को आर्थिक संकट से जूंझना पड़ रहा है. अनेक शालाओं ने शिक्षक व कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है. इन शालाओं को आरटीई अनुदान की राशि मिलने पर शाला, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को बकाया वेतन देने के लिए बड़ा आधार होगा. 

जल्द मिलेगा बकाया अनुदान : बघेले

इस संबंध में जिप के कार्यक्रम अधिकारी दिलीप बघेले ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम वाली शाला संचालकों को बकाया आरटीई प्रवेश शुल्क की राशि का जल्द ही भुगतान किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि सन 2017-18 व 2018-19 का क्रमश: 50 प्रश व सन 2019-20 की बकाया राशि 11 करोड़ है. इस संदर्भ में शासन को रिपोर्ट भी भेजी गयी है. जिसमें जिले को बकाया राशि जल्द मिलने का संकेत वरिष्ठ अधिकारियों ने दिये है.