खरीफ मौसम में फसल कर्ज के लिए भटक रहे किसान

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अर्जुनी मोरगांव (सं). इस बार के खरीफ मौसम की शुुरुआत हो गई है. किसानों ने कृषि कार्यो की शुरुआत कर दी है व कुछ दिनों बाद बुआई की जाएगी. लेकिन इन कार्यो के लिए लगने वाले आर्थिक प्रावधान जो कर्ज के माध्यम से उपलब्ध होते है वह अब तक उपलब्ध नहीं होने से अनेक किसान फसल कर्ज के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे है.

किसान आत्महत्या पर रोक लगाने व किसानों के जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजना क्रियान्वित किए जाने का हमेशा दम भरा जाता है. जबकि शासन की कर्ज वितरण योजना में वरिष्ठ अधिकारी दुर्लक्ष कर रहे है.

बताया गया है कि बुआई के काम  एक सप्ताह में करना है. इसके बावजूद किसानों को कर्ज उपलब्ध नहीं हुआ है. जिससे कर्ज वितरण के लिए कौन से मुहुर्त की प्रतिक्षा की जा रही है ऐसा सवाल किसान वर्ग कर रहे है. खरीफ मौसम की शुरुआत होने के साथ ही किसानों को कृषि सामग्री खरीदी करने के लिए रु. की कमी न हो, वे पुन: साहुकारों की चौखट पर ना जाए इसके लिए शासन ने जिले के सहकार विभाग के माध्यम से तहसील स्तरीय  सम्मेलन कोरोना की वजह से आयोजित नहीं किए जा सके जबकि पिछले वर्ष रबी फसल निकालने के बाद मई के अंत व जून माह के पहले सप्ताह में खरीफ फसल कर्ज किसानों के हाथ में मिल गया था.

विशेष बात यह है कि किसानों को मृग नक्षत्र के तत्काल बाद बुआई करनी पडती है. लेकिन अब तक कर्ज उपलब्ध नहीं होने से किसान हताश हो गए है.