- वनहक्क व अतिक्रमण धारक किसानों को मिली राहत
गोंदिया. वनहक्क जमीन धारक किसानों से आदिवासी विकास महामंडल के धान खरीदी केंद्र पर धान खरीदी करने से मना किया जा रहा था. जिससे जिले के हजारों किसानों पर संकट मंढराने लगा था. इसकी जानकारी मिलते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद प्रफुल पटेल ने आदिवासी विकास महामंडल से चर्चा की. जिससे इस समस्या का निवारण हो गया है. खरीफ मौसम 2020-21 में आधारभुत कीमत खरीदी योजना अंतर्गत शासन निर्णय के अनुसार धान खरीदी केंद्र पर बिक्री करने के लिए किसानों को लाए गए धान का पंजीयन एनईएमएल पोर्टल पर लिया जा रहा है.
एनईएमएल पोर्टल पर पंजीयन में जमीन की जानकारी पंजीयन करने में समस्या निर्मित हो गई थी. जिन किसानों को जमीन के पट्टे मिले हैं व अतिक्रमण की गई जमीन पर धान की बुआई की है ऐसे किसानों के नाम सात बारा पर नहीं हैं. उसमें सरकार के नाम पर सात बारा दर्शाया जा रहा है. जिससे अधिकांश किसानों के सात बारा का पंजीयन एनईएमएल पोर्टल पर दर्ज नहीं हो रहा था. आराजी 0.00 एकड़ इस तरह दिखाई दे रहा है. जिससे यह किसान धान की बिक्री शासकीय खरीदी केंद्र पर नहीं कर सकते. परिणामस्वरुप आदिवासी क्षेत्र के किसान संकट में घिर गए.
धान की बिक्री नहीं होने से एक तोकम दर पर निजी व्यापारियों को धान बेचना पड़ता या फिर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता. इस ज्वलंत समस्या को लेकर पटेल ने आदिवासी विकास महामंडल के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की. इसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने वनहक्क व पट्टेधारक किसानों के सात बारा की एनईएमएल पोर्टल पर पंजीयन करने के निर्देश दिए हैं. इस आदेश के बाद आदिवासी क्षेत्र के किसानों की बड़ी समस्या दूर हो गई है.