Corona Death
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  • कोरोना को लेकर ग्रामीणों में दहशत

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सालेकसा. ग्रामीण अंचल में कोरोना जैसी महामारी को हल्के में लिया जा रहा था. अब मामले ज्यादा आने लगे. जिससे अब शासन प्रशासन पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. मरीजों को कोविड सेंटर में ले जाकर उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है. किसी दूसरे बीमारी का इलाज होता ही नहीं है. अब ग्रामीण भी दहशत में आ गए हैं. सरकार के पास जब समुचित व्यवस्था नहीं है तो फिर गांव-गांव सर्वेक्षण करके साधारण सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीजों की जांच क्यों की जा रही है यह सवाल अब किया जा रहा है.

इलाज की सुविधाएं नहीं
सोनपुरी के पूर्व सरपंच वर्तमान ग्रापं सदस्य नेतराम मच्छीरके की कोरोना से मृत्यु हो गई हैं. मच्छीरके को कोई दूसरी ही परेशानी थी, लेकिन उस परेशानी का इलाज न करते हुए उसे सिर्फ कोरोना का ही इलाज दिया जाता रहा. निजी अस्पताल में बमुश्किल दाखिला मिला तब तक उसकी तबीयत अधिक खराब हो चुकी थी. शासन के पास कोरोना का इलाज करने के लिए उचित संसाधन उपलब्ध नहीं है, तो कोरोना सर्वेक्षण बंद कर दें और अन्य बीमारियों के मरीजों का पहले इलाज करें.