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  • जिप शिक्षा विभाग का निर्णय

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गोंदिया. संपूर्ण राज्य में शिक्षक भर्ती बंद है. ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान न हो, इसके लिए शाला व्यवस्थापन समिति की अनुमति से जिप की माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कक्षाओं में अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं, किंतु कुछ स्थानों पर अनियमितता पाई गई है. यह बात जिप शिक्षण विभाग की जांच में सामने आने पर अतिथि शिक्षकों के मानधन सीधे उनके बैंक खातों में जमा करने का निर्णय जिप शिक्षण विभाग ने लिया है.

इतना ही नहीं अतिथि शिक्षकों के प्रलम्बित मानधन उनके बैंक खातों में जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिला आदिवासी बहुल, नक्सल प्रभावित व दुर्गम क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है. आज भी जिले के कई क्षेत्रों में शिक्षा के द्वार बंद ही है. ऐसी कठिन स्थिति में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास जिप शिक्षण विभाग के माध्यम से किया जा रहा है. शिक्षकों की पद भर्ती पर शासन ने पाबंदी लगा दी है. वहीं विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान न हो, इसके लिए शासन ने शाला व्यवस्थापन समिति की अनुमति से आवश्यक उन शालाओं में अतिथि शिक्षकों का चयन करने पत्र जारी किया है.

जिले की हाईस्कूल, कनिष्ठ महाविद्यालय में प्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों का चयन किया गया है. जिले की 21 जिप शाला व कनिष्ठ महाविद्यालयों में लगभग 48 अतिथि शिक्षक कार्यरत है. इसमें हाईस्कूल के अतिथि शिक्षकों को 54 रुपये व कनिष्ठ महाविद्यालयीन अतिथि शिक्षकों को 72 रुपये प्रति घंटे मानधन दिया जाता है. मानधन का प्रावधान जिला निधि से किया जाता है.

अतिथि शिक्षकों के निर्धारित घंटे व भुगतान मानधन में प्रत्यक्ष शिक्षाधिकारी को निरीक्षण में फरक व कुछ शालाओं में अनुचित कार्य भी दिखाई दिए, जिससे अपडेट तकनीकी प्रणाली विकसित कर अतिथि शिक्षकों के बैंक खातों में मानधन जमा करने का निर्णय जिप शिक्षण विभाग ने लिया है. इससे अतिथि शिक्षकों के मानधन वितरण में होने वाली अनियमितता दूर होगी. पारदर्शिता भी बनी रहेगी. ऐसा विश्वास शिक्षण विभाग ने व्यक्त किया है.

चेक से मिलता था मानधन
शाला में नियुक्त अतिथि शिक्षकों के हर माह भुगतान बिलों के प्रस्ताव जिप शिक्षण विभाग में भेजे जाते है. इसके बाद वित्त विभाग की मंजूरी उपरांत पंस शिक्षण विभाग से मुख्याध्यापक, शाला व्यवस्थापन समिति के खाते में रकम जमा की जाती थी. इसके बाद अतिथि शिक्षकों को धनादेश दिया जाता था.

जिससे मानधन मिलने में विलंब होता था, लेकिन अब अपडेट आरटीजीएस पध्दति से अतिथि शिक्षकों के बैंक खाते में सीधे रकम जमा की जाएगी. जिससे शिक्षकों को समय पर मानधन मिल सकेगा. प्राथमिक विभाग के शिक्षणाधिकारी के अनुसार शालाओं का निरीक्षण करने पर उसमें अतिथि शिक्षकों की संख्या व उनके काम करने के घंटे में फरक दिखाई दिया. इसमें अनुचित कार्य पर रोक लगाने के उद्देश्य से अतिथि शिक्षकों के बैंक खाते में सीधे रकम जमा करने का निर्णय लिया गया.