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    गोंदिया. जिले में टीकाकरण की प्रक्रिया में गति आ गई है. शहर, गांव व बस्तियों में टीकाकरण कार्य शुरू है. लेकिन बेघर व मार्ग, चौक पर भीख मांगकर पेट भरने वाले लोग टीकाकरण से वंचित है. इन घटकों की ओर नगर परिषद व जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत है.

    उल्लेखनीय है कि कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए राज्य शासन ने पुन: प्रतिबंध लागू किया है. इसमें कुछ अपवाद को छोडकर उसका पालन भी होते दिखाई रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने शत प्रश. टीकाकरण का लक्ष्य रखकर अभियान की गति बढाई है. 45 आयु वर्ग वाले नागरिकों के टीकाकरण की पहले शुरुआत हुई.

    इसके बाद 18 आयु वर्ग वाले सभी का टीकाकरण किया जा रहा है. हर दिन हजारों नागरिकों को कोरोना की डोज दी जा रही है. टीकाकरण की गति बढने के दौरान बेघर, भटके, भीख मांगकर जीवन निर्वाह करने वाले नागरिकों के टीकाकरण का प्रश्न कायम है. मार्ग पर भीख मांगने वाले अधिकांश लोगों के पास पहचान वाले आधार कार्ड नही है. मोबाइल नही है, जिससे उन्हें टीकाकरण करने में कठिनाई आ रही है. भीख मांगने वालों की ओर प्रशासन का भी दुर्लक्ष है. जिले में जगह जगह भीख मांगकर अपना गुजर बसर करने वालों को प्रतिबंधात्मक टीका कैसे मिलेगा ऐसा सवाल खडा हो गया. 

    घर ही नही तो आधार कहां 

    जिला मुख्यालय में पेट भरने के लिए अपना राज्य छोडकर फुटपाथ पर दिन काटने वाले लोग बडी संख्या में है. इसमें कुछ लोगों को भीख मांगकर अपना पेट भरना पड रहा है. इसी में कोरोना प्रतिबंधात्मक डोज लेने के लिए आधार कार्ड या मतदाता कार्ड होना जरुरी है. लेकिन इन बेसहारा लोगों के पास आधार होगा ही इसकी खात्री नही है. जिससे ऐसे लोगों का टीकाकरण कैसे होगा. जब इन लोगों के पास घर ही नही है तो आधार कहां होगा. बेघर लोगों के टीकाकरण के लिए प्रशासन कौन सी भूमिका अपनाता है इस पर नजरे लगी हुई है. 

    जिले में 43 प्रश. टीकाकरण

    जिले में टीकाकरण कार्य में तेजी आ गई है. जनसंख्या की तुलना में अब तक 43 प्रश. नागरिकों का टीकाकरण हो गया है. जिले में अब तक कुल 5 लाख 63 हजार 386 लोगों ने डोज ली है. इसमें 4 लाख 49 हजार 503 लोगों ने पहली व 1 लाख 13 हजार 883 लोगों ने दुसरी डोज ली है. इसमें भी 3 लाख 67 हजार 561 लोगों ने कोविशिल्ड व 1 लाख 95 हजार 825 लोगों ने कोवैक्सीन डोज ली है.