प्रकल्पग्रस्त किसान मुआवजे की प्रतिक्षा में

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गोंदिया (का). सालेकसा तहसील के कोटरा-हलबीटोला स्थित देवछाया उपसा सिंचाई प्रकल्प के लिए क्षेत्र के 114 किसानों की जमीन वर्ष 2009 में सरकार ने अपने कब्जे में ले ली. इस संबंध में तत्कालीन सरकार की ओर से अधिकृत अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबित होने से पिछले 12 वर्षो से प्रकल्पग्रस्त किसान मुआवजे से वंचित है. प्रकल्प में खेत जमीनें चले जाने से जीवनयापन का जरीया खत्म हो गया है. जिससे प्रकल्पग्रस्त किसानों को परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है.

बताया गया है कि सालेकसा तहसील के ग्राम कोटरा, हलबीटोला, सिंगाटोला आदि ग्रामों के किसानों की खेत जमीनें हलबीटोला देवछाया उपसा सिंचाई प्रकल्प के लिए अधिग्रहित की गई. तत्कालीन सरकार द्वारा कब्जे में ली गई जमीन का मापजोप करने के लिए मृदु व जलसंधारण विभाग ने मापजोप की राशि नियमानुसार भर दी. लेकिन अब तक भूमि अभिलेख कार्यालय द्वारा जमीन का मापजोप नहीं किया गया. इस संदर्भ में प्रकल्पग्रस्त किसानों द्वारा अनेक बार पत्र व्यवहार किया गया.

इस संबंध में 30 मार्च 2020 को पत्र के माध्यम से किसानों को भूमि अभिलेख कार्यालय द्वारा बताया गया कि 4 मई 2020 से 26 मई 2020 तक जमीन का मापजोप किया जाएगा लेकिन 4 मई को मापजोप शुरु न करते हुए विभाग के 1 कर्मचारी ने किसानों को बताया कि नियोजित तारीख को मापजोप संभव न होने से 20 से 31 मई के दौरान मापजोप किया जाएगा लेकिन जून माह शुरु होने के बावजूद अब तक कोई भी अधिकारी, कर्मचारी मापजोप करने नहीं पहुंचा है.

मापजोप नहीं होने से नियमानुसार भूसंपादन नहीं हो सका जिसके चलते किसानों के हाथ से जमीन तो चली गई लेकिन मुआवजा अभी भी नहीं मिला है. वर्ष 2009 में 114 किसानों की जमीनें कब्जे में लेकर प्रकल्प का काम शुरु किया गया जिससे पारंपारिक खेती कर गुजर बसर करने वाले किसान भूमिहिन हो गए है. तत्काल मापजोप कर किसानों को मुआवजा दिया जाए या फिर कृषि कार्य के लिए भूमि उपलब्ध की जाए ऐसी मांग की गई है.