Increased concern of administration due to increase in corona patients, rules being flouted in public

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गोंदिया. कोरोना वायरस को लेकर प्रथम चरण में 26 मार्च से संक्रमित मरीजों का जिस तरह आंकड़ा सामने आता गया. उसे लेकर प्रशासन ने भी हर तरह से निपटने युद्धस्तरीय प्रयासों का जो सिलसिला प्रारंभ किया वह सफलतापूर्वक आगे बढ़ता गया. 10 जून को अंतिम मरीज भी स्वस्थ्य होकर घर लौट गया और उसके चलते उसी दिन पूरा जिला कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया. इसके बाद कोई कोरोना संक्रमित न हो उसे लेकर सावधानी बरतने के लिए प्रशासन ने कड़े निर्देश जारी कर दिए. कुल मिलाकर जिले के कोरोना मुक्ति के बाद बड़े पैमाने पर सभी को लगने लगा कि अब किसी तरह के संकट की स्थिति की संभावना नहीं है.

सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक सारे कारोबार जोर-शोर से संचालित होने लगे और 5 बजे की बजाए शाम 7 बजे तक कारोबार शुरू रखने की मांग होने लगी. स्वयं सांसद प्रफुल पटेल की ओर से भी मुख्यमंत्री को समय बढ़ाने आग्रह किया गया. इसके अलावा विभिन्न संगठनों ने भी समय बढ़ाने की मांग की. एक ओर यह तस्वीर सामने आई वहीं दूसरी ओर निर्धारित मापदंडों का किसी भी स्तर पर पालन होता नजर नहीं आ रहा और उसी के कारण कोरोना मुक्ति को बनाए रखने का स्वप्न साकार नहीं हो पा रहा है. शासकीय कार्यालयों में भी इसकी अनदेखी हो रही है. 

विभिन्न बैंकों में तो जिस तरह सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही अन्य निर्देशों की धज्जियां उड़ रही है उसके नजारे सतत देखे जा रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक जैसी सर्वाधिक महत्वपूर्ण बैंक में जो नजारे सामने आ रहे हैं, वह चर्चा का विषय बना है. 

बना है दहशत का माहौल
अब फिर कोरोना पॉजिटिव सामने आ रहे हैं और ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे स्थिति नियंत्रण के बाहर होती जा रही हैं. गोंदिया तहसील में जो पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं वे मुंडीपार औद्योगिक बस्ती की एक कंपनी के बताए गए है जो नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव जिसकी मृत्यु हो गई है के संपर्क में आए थे. इन सभी मरीजों की उम्र 20 से 60 आयु समूह के बीच बताई गई है. इसके बाद जिले में दहशत का माहौल बन गया.

हालांकि स्वास्थ्य विभाग मृतक तथा पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने वालों की तलाश कर उन्हें क्वारंटाइन करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका से दहशत का माहौल है. परिसर के उन पांचों इलाकों को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है. सभी दूकानें बंद कर दी गई, आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के फोन नंबर व पते की जानकारी ली जा रही है. परिसर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. 

यह बफर जोन में है शामिल
शहर के भीमनगर, चंद्रशेखर वार्ड, रामनगर, श्रीनगर, सावित्रीबाई फुले वार्ड का बफर जोन में समावेश किया गया है. डोंगरगांव को कंटेनमेंट जोन, जबकि इससे सटे पारडीबांध, किडंगीपार को बफर जोन, कंटेनमेंट जोन सेजगांव में भानपुर, जरताल, साईटोला, कोहका को भी बफर जोन में शामिल किया गया, फत्तेपुर जोन में ढाकनी को, मुंडीपार कंटेनमेंट जोन के अलावा हिवरा, भागवतटोला, भानपुर, सेजगांव, कोहका को बफर जोन घोषित किया गया है. व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भादंवि की धारा 188 व आपदा व्यवस्थापन कानून 2005 की धारा 51, 55, 56 के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.