Karwa Chauth 01
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गोंदिया. सुहागनों द्वारा मनाया जानेवाला करवा चौथ का त्योहार बुधवार को है. सुबह तड़के 4 बजे से सुहागन अपने पतियों की लम्बी आयु के लिए व्रत रखेगी. इस त्योहार में नये वस्त्र, श्रृंगार पर काफी जोर होता है. इसके चलते मंगलवार को शहर में चूड़ियों, श्रृ्ंगार सामग्री, साड़ियों की दूकानों में महिलाओं की भीड़ और दिनों के मुकाबले अधिक नजर आयी. कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह से प्रभावित मार्केट में अब त्योहारों को लेकर नयी जान आयी है. विशेषकर त्योहारों को देखते हुए खरीददारी शुरू हो चुकी है.

8 महीने बाद लौटी रौनक

करवा चौथ पर्व के मद्देनजर ज्वेलरी, कपड़े, आर्टिफिशियल और व्रत के सामान की दूकानों पर भारी संख्या में खरीददारी करते हुए महिलाएं नजर आयीं. बाजार में रौनक से दूकानदारों भी अच्छी खासी खुशी नजर आयी. पूरे 8 महीने बाद बाजार में भीड़ देखने को मिल रही थी. इस दौरान चूड़ियां, कपड़ों, गहनों और मेकअप वाली दूकानों में कोरोना से बेखौफ होकर महिलाएं श्रृंगार के सामान खरीदने में जुटी थीं. हालांकि दूकानदारों ने मास्क लगाकर प्रवेश करने की सख्त हिदायतें अपने प्रतिष्ठानों के सामने लगा रखी थी. साथ ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर दूरियां बनाये रखने की सलाह दी जा रही थी.

चूड़ियों की दूकानों में महिलाओं की राजस्थानी चूड़ियां दिखाने की डिमांड ज्यादा थी. करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं परंपरा के चले फेनियां आदि खरीद रही थी. गोलबाजार में महिलाओं की भीड़ को देखते हुए कोरोना जैसी महामारी से हम जूझ रहे हैं इसका जरा सा भी भय लोगों के चेहरों पर नजर नहीं आ रहा था. 

ब्यूटी पार्लरों में अग्रिम बुकिंग

इस त्योहार में महिलाओं के बीच सबसे सुंदर दिखने की प्रतिस्पर्धा रहती हैं. हर सुहागन चाहती है कि अन्य महिलाओं की तुलना में सबसे सुंदर दिखे. श्रृंगार और परिधानों के साथ अपनी खूबसूरती पर महिलाओं का अधिक ध्यान रहने से शहर के सभी ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं ने अग्रिम बुकिंग करायी है. ब्यूटी पार्लर संचालक आज काफी बिजी रही. मेहंदी लगानेवाली महिलाओं की डिमांड आज काफी बढ़ गई थी. सभी को पहले से आर्डर थे. 

पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत

कार्तिक कृष्णपक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत करने का विधान है. सौभाग्यवती महिलाएं इस दिन अपने पति के लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती है. व्रत की शुरुआत सरगी से होती है. इस दिन घर की बड़ी महिलाएं अपनी बहू को सरगी, साड़ी सुबह सुबह देती है. सुबह 4 बजे से सरगी खाकर व्रत शुरू किया जाता है. इस व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है. शाम को चांद के उदय होने के बाद व्रत खोला जाता है.