गोंदिया. जिले में हजारों मामा तालाब, 5 बड़े जलाशय, 22 लघु प्रकल्प, 9 मध्यम प्रकल्प व मिनीमम बारिश 12.20 मिमी. होने के बावजूद जलाशयों में इस बार पानी का अभाव है. गोंदिया को तालाबों का जिले की पहचान मिली है. लेकिन इस बार बारिश ने यह चित्र बदल दिया है. तालाबों वाले जिले के तालाब भी इस बार प्यासे है.
इसी तरह गत वर्ष की तुलना में जिले के तालाबों में जलसंग्रह 3 प्रश.से कम है. जिससे जिले के बड़े प्रकल्पों सहित तालाबों को बारिश की प्रतीक्षा कायम है. जिले में बारिश शुरु होने के बाद बारिश के तीन महत्वपूर्ण नक्षत्र लौट गए है. फिर भी जिले के जलाशयों में पानी की कमी है. लंबी अवधि के बाद बुधवार को बारिश ने दमदार हाजरी लगाई.
लेकिन पिछले वर्ष के जलसंग्रह के आंकड़ों को देखते हुए इस बार जिले के जलाशय व लघु प्रकल्प प्यासे दिखाई दे रहे है. जिले में बारिश के दिनों में होने वाली बारिश का मिनीमम 1220 मिमी. इतना है. इस वर्ष जुलाई महीना लौटने के मार्ग पर होने के बाद भी मिनीमम की तुलना में बारिश नहीं हुई है. जबकि जून माह की शुरूआत में अच्छी बारिश हुई थी. जिससे अच्छी व पर्याप्त बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया गया था. जिसे बारिश ने गलत ठहरा दिया है.
नहीं मिटी है बांधों, तालाबों की प्यास
जिले में दमदार बारिश ने हाजरी लगाई है. इस बारिश के पानी से जलाशयों व तालाबों की प्यास नहीं मिटी है. जिले में 5 बड़े जलाशय पाटबंधारे विभाग के हैं. 9 मध्यम प्रकल्प, 22 लघु प्रकल्प, 38 पुराने मालगुजारी तालाब हैं. वहीं जिप के डेढ़ हजार मामा तालाब हैं. इन तालाबों में अपेक्षित जलसंग्रह नहीं हुआ है.
जिले के सभी 9 मध्यम प्रकल्पों की स्थिति को देखने पर वर्तमान में 16.36 प्रश. जलसंग्रह है. जबकि गत वर्ष इसी तिथि को 17.42 प्रश. जलसंग्रह उपलब्ध था. लघु प्रकल्पों की स्थिति भी इसी तरह है. इन प्रकल्पों में गत वर्ष 19.14 प्रश.जल था. इस बार 13.38 प्रश.जलसंग्रह है. इसी क्रम में मध्यम, लघु व मामा तालाबों में इस बार 15.89 प्रश. जलसंग्रह है. वहीं गत वर्ष इन तालाबों में 18.39 प्रश. जलसंग्रह था.
बड़े जलाशयों में ठनठनाहट
जिले के इडियाडोह व पुजारीटोला इन जलाशयों को छोड़कर अन्य प्रकल्पों में गत वर्ष की तुलना में अपेक्षित जलसंग्रह नहीं हुआ है. इसमें इटियाडोह प्रकल्प के पानी की क्षमता 317.87 दलघमी है. गत वर्ष 89.61 दलघमी जलसंग्रह उपलब्ध था. जबकि इस वर्ष 91.38 मीटर है. सिरपुर जलाशय में पानी का स्तर 340.55 मीटर है. गत वर्ष 41.97 मीटर था. इस वर्ष 14.74 मीटर है. पुजारीटोला जलाशय की क्षमता 317.84 दलघमी है. इसमें गत वर्ष 16.62 दलघमी जलसंग्रह था.
जबकि इस बार यह 16.84 मीटर है. कालीसराड़ प्रकल्प की क्षमता 332.70 मीटर है. जहां वर्तमान में पानी का संग्रह जीरो है. इसी तरह धापेवाड़ा प्रकल्प की क्षमता 255.40 मीटर है. इसमे गत वर्ष 19.34 मीटर पानी संग्रह था. वहीं इस बार वर्तमान में 0.05 मीटर जलसंग्रह है.