Mangoes
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  • नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में

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गोंदिया. फलों का राजा कहलाने वाले आम का स्वाद कुछ अलग ही है, लेकिन यह स्वाद अब उन नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए धोखादायक साबित हो सकता है. जिले में कृत्रिम रूप से पकाए गए आम की खुलेआम बिक्री शुरू है, लेकिन इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है. राज्य में कृत्रिम रूप से पकाए गए आम की बिक्री जोरों से शुरू है. इस संदर्भ में अनेक बार अखबारों में समाचार भी प्रकाशित हुए. लेकिन इसे नियंत्रित करने वाले अन्न व औषधि प्रशासन विभाग अनभिज्ञ दिखाई दे रहा है.

जिले में अब कच्चे आमों पर घातक रसायन डालकर उसे पकाया जाता है. इस प्रक्रिया से हरा आम सिर्फ दो दिन में ही पक जाता है. इसी आम को शहर में लाकर उसे नैसर्गिक रूप से पका होने का बताकर अधिक मूल्य में बिक्री किया जाता है. ऐसे आमों का सेवन करने से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे से खाली नही है.

गावरानी आम हुआ दुर्लभ

इस बार जिले में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से आम फसल के उत्पादन में कमी हुई है. जिससे गावरानी आमों की आवक बाजारों में कम हो रही है. इसी का लाभ लेकर फल विक्रेता अन्य प्रजाति के आमों को कृत्रिम रूप से पकाकर ग्राहकों को अधिक दामों पर बेच रहे हैं. 

कम समय में अधिक पैसा

आम पकाने के लिए शासन द्वारा निश्चित की गई मात्रा के अनुसार 0.1 से 1.0 पीपीएम इथिनील की आवश्यकता होती है, लेकिन आम को जल्द पकाने के लिए इस प्रक्रिया में सौ से हजार गुना ज्यादा याने 100 पीपीएम इथिनील गैस का उपयोग किया जाता है. जिससे आम 4 से 5 दिनों में ही पक जाता है. व्यापारी कम समय में अधिक पैसे कमाने के लिए घातक रसायनों का उपयोग कर नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.