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    देवरी. यद्यपि विज्ञान व तंत्रज्ञान ने उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन  आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी  विकसित व अद्यावत तंत्रज्ञान नहीं पहुंच पाया है.देवरी तहसील के  पालांदुर/जमीदारी गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या कायम है. पिछले अनेक दिनों से बीएसएनएल से लेकर अन्य सभी मोबाइल नेटवर्क ने घुटने टेक दिए हैं.

    जिससे ग्रामीणों को अनेक समस्याओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ग्राम पालांदुर/जमीदारी में मोबाइल कनेक्टिविटी बाधित हो गई है. एक पखवाड़े से यहां इंटरनेट रेंज गायब होने से अनेक परेशानियां भुगतनी पड रही है. 

    प्रशासन करें उपाय

    इस संबंध में ठोस उपाय करने के लिए संबंधित कंपनियों को प्रशासन द्वारा कोई निर्देश या आदेश जारी नहीं किया जाता है. परिणाम स्वरूप लोगों में असंतोष बढ़ रहा है.

    देवरी तहसील आदिवासी बहुल तहसील   के रूप में जाना जाता है. यहां पहाड़ व जंगल क्षेत्रों में ग्रामीण बस्तियां बसी है. इन गांवों के नागरिक नेटवर्क की समस्या से तंग आ चुके हैं. बीएसएनएल की सेवा अनेक वर्षों से इन इलाकों में सुचारू रूप से चल रही थी जो फिलहाल बंद है. 

    एंड्रॉइड फोन बने शो पीस 

    समुचित मोबाइल सेवा के अभाव में एंड्रायड फोन केवल दिखावे के साधन बन कर रहे गए हैं.  देवरी तहसील के दूरदराज के इलाकों में बीएसएनएल के अलावा अन्य किसी कंपनी के टावर व  नेटवर्क सुविधा उपलब्ध नहीं होने से समस्याओं  का सामना करना पड़ रहा है.  

    इस दौर में मोबाइल एक जरुरी सेवा के रुप में स्थापित हो गई है लेकिन  पालांदुर/जमीदारी सहित, गरारटोला, टेकरी, बालापुर, मगरडोह, चिलमटोला, ढोडरा, रोपा, सुकडी, सिंगनडोह, रामगढ़, घोनाडी, सर्रेगांव, कडुझरी, पलसगांव जैसे सैकड़ों गांव और आदिवासी बस्तियां   मोबाइल व नेट सेवा से वंचित हैं.  

    ऑनलाइन शिक्षा में दिक्कत

    पांलादुर/जमीदारी क्षेत्र में मोबाइल टावर नहीं होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के बाद जारी लाकडाउन में आनलाइन शिक्षा एक विकल्प के रुप में सामने आया लेकिन उसका भी लाभ इन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को नहीं मिल पाया. छात्र ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हो रहे हैं.

    साथ ही छात्रों के सामने ऑनलाइन परीक्षा कैसे दी जाए यह सवाल भी खड़ा हो गया है. ग्रामीणों ने इन समस्याओं के तत्काल समाधान की मांग की है.  ग्रामीणों के अनुसार इस दिशा में अनेक बार ध्यानाकर्षण करने के बाद भी  समस्या जस की तस बनी हुई है.  

    सुचारु सेवा  का अनुरोध  

    मरीज या दुर्घटनाग्रस्तों  को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस या अन्य वाहन बुलाना भी मुश्किल हो गया है.  महत्वपूर्ण और जरूरी संदेश देने के लिए नागरिकों को परेशान होना पड़ता है. इसलिए सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में बीएसएनएल सेवा पूर्ववत करने की मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस  की   आरती जांगडे सहित ग्रामीणों ने की है.