नपं चुनाव की सरगर्मियां तेज, वार्ड बदलने से बढ़ी मुश्किलें

Loading

सड़क अर्जुनी. नगर पंचायत का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. वार्डो के आरक्षण भी आ चुके हैं. परिणामत: इच्छुक उम्मीदवार अपनी जुगाड़ में लग गए हैं. इस बार प्रभागों को बड़ा कर उसमें बदल किया गया है. जिससे वर्तमान पार्षद के चुनावी क्षेत्र में नए आरक्षण से दिक्कत होगी. वर्तमान नगराध्यक्ष देवचंद तरोणे जो प्रभाग क्रमांक ५ से निर्वाचित हुए थे अभी उनका वार्ड क्रमांक बदल चुका है. उस जगह पर सर्वसाधारण महिला आरक्षित किया गया है. जिससे वर्तमान नगराध्यक्ष को अपना चुनावी क्षेत्र बदलना पड़ेगा. जिससे उनके पास अभी अपना चुनावी क्षेत्र बदलने के अलावा पर्याय नहीं है. ऐसे अनेक पार्षद है जिनके चुनाव क्षेत्र बदल चुके हैं.

अनुसूचित जाति के लिए ३ सीटें आरक्षित

इस बार जो १७ प्रभागों का आरक्षण आया है. उसमें अनुसूचित जाति के लिए ३ सीटें आरक्षित हैं. जिनमें २ महिला एक पुरुष अनुसूचित जमाति के लिए २ सीटें हैं. जिनमें एक महिला होगी. ओबीसी के लिए ६ सीट आरक्षित है, उसमें 3 महिला होगी. सर्वसाधारण ७ सीटें हैं, उनमें ३ महिला निर्वाचित होगी. इस प्रकार ९  महिला, ८ पुरुष पार्षद चुने जाएंगे. इस समीकरण को देखते हुए इच्छुक उम्मीदवार अपनी-अपनी जुगाड़ में लग चुके हैं. गत नपं में राकां के पास ५ पार्षद भाजपा के 4 कांग्रेस के, ३ प्रगति बाहुबली पैनल के ४ तथा 1 निर्दलीय चुनकर आए थे. राकां के पास स्थानीय विधायक होने से राष्ट्रवादी का प्रभाव ज्यादा होगा. ऐसी चर्चा हो रही है, किंतु पिछली बार भाजपा के पास स्थानीय विधायक के साथ-साथ राज्य के कैबिनेट मंत्री राजकुमार बडोले के होने के बाद भी केवल ४ सीटें भाजपा की चुनकर आई थी. 

भाजपा में असमंजस के हालात

राकां के 5 पार्षद निर्वाचित हुए थे. इस बार क्षेत्र के विधायक के रूप में मनोहर चंद्रिकापुरे होने से नपं में ज्यादा से ज्यादा सीटें लाने का प्रयास करेंगे. विशेषत: गत नपं चुनाव में नगराध्यक्ष बाहुबली प्रगति पैनल के समर्थन से राकां का अध्यक्ष बनाया गया था. इस बार भी वही पुनरावृत्ति होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस के कुछ लोग स्वतंत्र पैनल बनाने के मूड में दिखाई दे रहे थे. पार्टी वरिष्ठों ने तुरंत बैठक बुलाकर सभी कांग्रेसजनों को बताया है कि कांग्रेसी अपने बूते पर चुनाव लड़ेगी. किसी भी संगठन से गठजोड़ नहीं करेगी. सभी १७ प्रभागों में अपने उम्मीदवार खड़े करेगी ऐसा कांग्रेस की बैठक में सर्वानुमति से निर्णय लिया गया.

वहीं भाजपा की स्थिति इस बार असमंजस में है. बाहुबली प्रगति पैनल फुल फॉर्म में अपनी तैयारी में लग चुकी है. सभी १७ प्रभागो में अपने उम्मीदवार उतारने के मूड में है. वहीं वंचित बहुजन आघाड़ी के जिलाध्यक्ष अजय लांजेवर भी स्थानीय होने से वंचित बहुजन आघाड़ी के बैनर तले नपं का चुनाव लड़ने के मूड में दिखाई दे रहे हैं.

विशेषत: पिछले नपं में पार्षद के रूप में उनकी पत्नी रीता लांजेवर  र्ग्षद निर्वाचित हुई थी. राष्ट्रवादी ने उनको नगराधक्ष बनाया था. इस बार उनके पति अजय  लांजेवर के कंधों पर जिले की बागडोर होने की वजह से वे नपं चुनाव में अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास करेंगे ऐसे समीकरण दिखाई दे रहे हैं. संभावित उम्मीदवारों में अजय लांजेवार, देवचंद तरोणे, राजकुमार  हेडाऊ, वसंत लांजेवार, रोशन बडोले, महेश सूर्यवंशी, दिनेश अग्रवाल, बाबादास येरोला, रजनी गिरेपूंजे, दिलीप गभने, रेहान शेख, अनिल राजगीरे जैसे दिग्गजों के नाम सुर्खियों में है.