Mushroom
मशरूम के फायदे

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गोंदिया. जिला मुख्यालय में पिछले १५ दिनों तक मशरुम की खूब बिक्री हुई लेकिन अब बाजार में इसके दर्शन नहीं हो रहे हैं और इसके शौकीन इसकी बिक्री करने वालों को जगह जगह खोज रहे हैं, लेनिक उन्हें कही भी मशरुम की दूकान दिखाई नहीं दे रही है, मशरुम की बिक्री प्राय जयस्तंभ चौक परिसर में जिला यातायात नियंत्रण कक्ष कार्यालय के समक्ष होती है, इसी तरह मरारटोली बस स्थानक परिसर व पाल चौक में भी फुटपाथ पर इसकी दुकानें लगती हैं, मार्केट में मशरुम नहीं आने से इसकी बिक्री करने वालों को भी परेशान है. मशरुम नहीं आने का कारण भी बारिश का नहीं होना बताया जा रहा है.

कहा जाता है कि बारिश के साथ जब बिजली कडकडाती है तब मशरुम की कोपले बाहर निकलती है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र के लोग तोडकर जमा करते है इसके बाद उसे बिक्री के लिए गोंदिया लेकर आते है. मशरुम प्राकृतिक होने के साथ ही विटामिनों से भरी होती है, आज कल इसे हर कोई पसंद कर रहा है, जिससे उसकी बिक्री भी उंचे दर पर हो रही है.

मशरुम ४०० रु. किलो दर पर बेची जा रही है, इसके पूर्ण शुरुआत में यह ८०० रु. किलो भी में बेची गई. इसी तरह साता भी नहीं आ रहे है, साता यह बांस के बडे पेडो के पास उगते है, जिले में सालेकसा तहसील की दर्रेकसा व आसपास के गावों में साता बहुत अधिक होता है इसे भी मशरुम का एक प्रकार माना जाता है.