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गोंदिया. जिला नक्सलग्रस्त होने के साथ ही राज्य की अंतिम सीमा पर स्थित है. जिला प्रशासन में अनेकों महत्वपूर्ण विभाग इसमें जिलाधीश कार्यालय, उप विभागीय अधिकारी कार्यालय व तहसील कार्यालय है. सर्व सामान्य नागरिकों के किसी भी प्रश्न, खेती विषयक काम व अन्य शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन से न्याय मांगने के लिए जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में यदि अधिकारी के पद रिक्त होंगे तो सर्व सामान्य जनता किस से न्याय मांगे. ऐसा सवाल निर्मित हो रहा है किंतु इस ओर जिले के जनप्रतिनिधि व शासन का ध्यान नहीं है.

जिलाधीश कार्यालय में जिलाधीश के बाद महत्वपूर्ण पद निवासी उप जिलाधीश का है जो कर्मचारी व जिलाधीश के बीच महत्वपूर्ण कड़ी हैं. इसमें विभाग के साथ समन्वय साधने की जिम्मेदारी इस पद से जुड़ी है. यह पद जनवरी 2020 से रिक्त है. इस पद का कार्यभार अतिरिक्त स्वरूप में अन्य अधिकारी को सौंपा गया है. उपजिलाधीश (रोहयो) यह पद सर्व सामान्य जनता के रोजगार से संबंधित है किंतु यह गत वर्ष से रिक्त पड़ा है. इसी तरह सबसे बड़ा विभाग गोंदिया उपविभाग है. इसमें भी पद रिक्त है.

अतिरिक्त स्वरूप में अपर तहसीलदार अनिल खडतकर को पदभार सौंपा गया है. जिससे सर्व सामान्य जनता के कामकाज व कोरोना जैसी महामारी के संबंध में प्रतिबंधात्मक उपाय योजना में लापरवाही हो रही है. 

तिरोड़ा में नहीं है उपविभागी अधिकारी

तिरोड़ा उप विभागीय अधिकारी का पद 2 माह से रिक्त है. जिले में अन्य पदों की परिस्थिति इससे अलग नहीं है. नायब तहसीलदार, पटवारी, मंडल अधिकारी, लिपीक, चपरासी, कोतवाल व पुलिस पटेल के अनेक पद रिक्त पड़े है. जिससे अन्य कर्मचारियों पर काम का बोझ पड़ रहा है. जिले में बड़े अधिकारी सहजता से आने के लिए इच्छुक नहीं होते है. यदि वे आ भी गए तो निर्धारित अवधि के पूर्व ही अपने सुविधा वाले स्थानों पर तबादला करा लेते हैं. शासन इन रिक्त पदों को भरने के लिए दुर्लक्ष कर रहा है.