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  • शिक्षक भारती संगठन लगातार प्रयासरत था

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गोंदिया. पुरानी पेंशन योजना लागू होने से बाधा बन रही 10 जुलाई की अधिसूचना रद्द होने से 1 नवंबर 2005 के पहले नियुक्त राज्य के सभी अनुदानित, बिना अनुदानित व अंशत: अनुदानित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों को राहत मिली है. अधिसूचना के चलते पुरानी पेंशन से वंचित रहने का डर उन्हें सता रहा था. यह अधिसूचना रद्द करने के लिए शिक्षक भारती संगठन लगातार प्रयासरत था. जिसे सफलता हासिल हुई है. अधिसूचना रद्द करने के निर्णय पर शिक्षक व स्नातक विधायकों की बैठक में शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने हस्ताक्षर कर लिए हैं. जिससे कर्मियों में हर्ष है.

10 जुलाई 2020 को शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग ने महाराष्ट्र निजी शाला कर्मचारी (सेवा शर्त) नियमावली 1981 के सेवा शर्त में बदलाव सूचित करने वाली अधिसूचना जारी की थी. जिसके तहत 1 नवंबर 2005 के पूर्व नियुक्त हजारों मुख्याध्यापक, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों को पुरानी पेंशन के अधिकार से वंचित रहना पड़ सकता था. जिससे आक्रोषित होकर शिक्षक भारती संगठन ने लगातार संघर्ष जारी रखा.

आखिरकार शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने अधिसूचना रद्द करने की सूचना देते हुए हस्ताक्षर भी कर दिए. मंत्रालय में शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षक, स्नातक, विधायक व शिक्षक भारती की संयुक्त बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय होने की जानकारी शिक्षक भारती के कार्याध्यक्ष सुभाष मोरे व विभागीय कार्याध्यक्ष प्रकाश ब्राम्हणकर ने दी है.

पुरानी पेंशन मिलने का मार्ग खुला

यह अधिसूचना रद्द हो जाने से पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए देरी न लगाते हुए तत्काल कार्रवाई करने की मांग शिक्षक विधायक कपिल पाटिल ने की है. शिक्षक भारती ने अधिसूचना रद्द करने के लिए संपूर्ण राज्य में अनेक आंदोलन किए. जिन पर ध्यान देते हुए शिक्षा मंत्री गायकवाड़ ने शिक्षक भारती के प्रतिनिधि मंडल को अधिसूचना रद्द करने का आश्वासन दिया था. जिसके बाद तत्काल ही अधिसूचना विधि व न्याय विभाग की ओर भेजी गई थी. जिसके आधार पर 10 दिसंबर को यह अधिसूचना रद्द होने से मुख्याध्यापक, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों को पुरानी पेंशन मिलने का मार्ग खुला हो गया है. 

बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री गायकवाड़, विधायक कपिल पाटिल, सुधीर तामडे, विक्रम काड़े, सतीश चौहान, जयंत आसगांवकर, अभिजीत वंजारी, प्रधान सचिव वंदना कृष्णा, शिक्षक भारती के अशोक बेलसरे, सुभाष मोरे, जालिंदर सरोदे, प्रकाश शेडके, ईश्वर आव्हाड़ उपस्थित थे.