गोंदिया. संपूर्ण विश्व में पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना ने कहर ढा दिया है. दूसरे चरण की दहशत अब भी कायम है. इसी में जीका वायरस ने अब सिर उठाया है. जिससे नागरिकों में चिंता का माहौल है. जीका वायरस यह मच्छरों से फैलने वाला वायरस है. डेंगू बीमारी जैसे जीका के लक्षण हैं. इस पर अब तक कोई भी दवाई या टीका उपलब्ध नहीं होने से मच्छरों से अपनी सुरक्षा करना जरूरी है. इसके अलावा जीका का टेस्ट जिला स्तर पर नहीं होते हैं. इसके लिए शासकीय अस्पताल के माध्यम से पुणे स्थित लैब से नमूने भेजे जाते हैं.
क्या है उपाय योजना
जीका वायरस की बीमारी डेंगू की तरह है. इसमे डेंगू के लिए ली जाने वाली उपाय योजना यानी पानी जमा न होने दें, सप्ताह में एक दिन उपास रखें, पानी जगह जमा होने वाले जगह की सफाई नियमित करें. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग से दवाइयों का छिड़काव शुरू है. कंटेनर सर्वे शुरू किया गया है. इसमें घर-घर जाकर निरीक्षण किया जा रहा है. पानी जमा वाले स्थान पर टेमीफॉस नामक दवाई डाली जाती है.
कैसे होता है जीका
जीका वायरस का संक्रमण इडिस मच्छर से होता है. इस मच्छर से ही डेंगू व चिकन गुनिया भी होता है. जिससे जीका भी मच्छरजन्य बीमारी है. इसके लिए मच्छरों का प्रभाव जिम्मेदार है. इस बीमारी के उपचार के लिए कोई भी दवाई या टीका उपलब्ध नहीं है. जिससे मच्छरों से सुरक्षा करना आवश्यक है.
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस का संक्रमण होने पर बुखार आता है. हाथ पर दर्द करते हैं व उसमें भी जोड़ का दर्द अधिक होता है. झिका के लक्षण में आंखें लाल होती हैं. आंखें दर्द करने की भी परेशानी होती है. इसके डेंगू जैसे लक्षण है. इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितिन कापसे के अनुसार मच्छरों से जीका का संक्रमण होता है. जिससे मच्छरों से बचाव करना जरूरी है. इसके लिए मच्छरदानी का उपयोग करें. पानी में मच्छरों की उत्पत्ती होने से पानी जमा न होने दें. इसके अलावा कोई भी लक्षण पाए जाने पर डाक्टर से संपर्क करें.