Gondia Nagar Parishad

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गोंदिया. कोरोना के बाद अब नप में विषय समिति सभापति चुनाव के आदेश के बाद गतिविधियां तेज हो गई हैं. ऐसा लग रहा है कि गोंदिया शहर विकास परिवर्तन के पार्टी नेता का पद राजकुमार कुथे के पास जाने से नप की पूर्ण सत्ता के लिए भाजपा की बाधा दूर हो गई है. फिर भी अब सभापति के लिए जोड़तोड़ स्पष्टत: दिखाई दे रही है.

इस तरह है संख्याबल 

नप में राजनीतिक पार्टियों के पार्षदों का संख्याबल इस तरह है. भाजपा 19, राष्ट्रवादी कांग्रेस 7, कांग्रेस 9, गोंदिया शहर परिवर्तन आघाड़ी 8 है जिसमें बसपा के 5, शिवसेना 2 व निर्दलीय एक पार्षद का समावेश है. आघाड़ी के पार्टी नेता पद पर राजकुमार कुथे का चयन किया गया था. जबकि आघाड़ी के 5 बसपा पार्षदों ने गटनेता के रूप में ललिता यादव का चयन कर जिलाधीश को सूचना दी थी. इस पर तत्कालीन जिलाधीश ने 14 फरवरी को वैसा आदेश जारी किया था. इसके आधार पर 15 फरवरी को सभापतियों के चुनाव में आघाड़ी, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस ने एकजुट होकर बड़ी सफलता प्राप्त की थी.

कुथे ने कलेक्टर के आदेश को दी थी चुनौती

 लेकिन जिलाधीश के आदेश को चुनौती देते हुए राजकुमार कुथे ने नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिससे नवनियुक्त सभापतियों को उनके अधिकार से वंचित होना पड़ा था. इस प्रकरण की सुनवाई कर हाईकोर्ट ने आघाड़ी के गट नेता कुथे ही रहेंगे ऐसा निर्णय दिया था.  इसमें चुनाव होने के बाद भी सभापतियों को अधिकार नहीं मिले थे. जिलाधीश दीपककुमार मीना ने नप सभापति चुनाव लेने का आदेश जारी किया है.

BSP पार्षद शिवसेना में व शिवसेना के BJP में शामिल

नप के चुनाव में बसपा के 5 पार्षद निर्वाचित हुए थे. इसमें से ललिता पंकज यादव, लोकेश (कल्लु) यादव व मनोनीत पार्षद पंकज यादव यह तीनों शिवसेना में शामिल हो गए. इसी तरह शिवसेना से निर्वाचित राजकुमार कुथे व नेहा नायक यह दोनों भाजपा में चले गए लेकिन नप में वे पूर्व की तरह ही कार्यरत हैं.