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    गोंदिया. कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद प्रधानमंत्री के आहवान पर 22 मार्च 2020 को एक दिवसीय जनता कर्फ्यू के साथ ही शाम 5 बजे 5 मिनट ताली व थाली बजाकर कोरोना संक्रमण से निपटने का आगाज हुआ था. 22 मार्च को इसे एक वर्ष पूरा हो गया. इस एक वर्ष के बीच लोगों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लाकडाउन की वजह से सड़कों पर छाया सन्नाटा लोगों के दिलों में कोरोना का खौफ देखा गया था, लेकिन अब जब कोरोना संक्रमण ने करोड़ों की संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. लाखों लोगों की मृत्यु हो गई, तब लोग बेखौफ नजर आ रहे हैं.

    लाकडाउन को जिले में भरपूर समर्थन मिला था. लोगों ने घरों की बालकनी व अपने घरों के सामने आकर ताली, थाली बजाकर एकजुटता का संदेश दिया था. जिले में पहला मरीज 27 मार्च को पाया गया था. जिससे लोगों में भय व्याप्त हो गया था. जिस परिसर में पाजिटिव मरीज पाया गया था उस परिसर को 28 दिनों के लिए सील कर दिया गया था. इसके बाद मई माह में 64 मरीज पाए गए थे. लगातार यह आंकड़ा बढ़ता गया.

    93,598 की आरटीपीसीआर जांच

    जिले में 20 मार्च तक 93,598 लोगों की आरटीपीसीआर जांच की गई. जिसमें 79,955 लोग निगेटिव व 8,912 पाजिटिव पाए गए. 79,625 लोगों की रेपिड एंटीजन जांच की गई. इसमें 73,256 निगेटिव व 6,369 पाजिटिव पाए गए. इस प्रकार दोनों जांच में 14,995 लोग पाजिटिव पाए गए. 

    सबसे अधिक संख्या गोंदिया में

    जिले में अब तक 187 लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई. इसमें सर्वाधिक 105 गोंदिया, 24 तिरोड़ा, 13 आमगांव, 11 अर्जुनी मोरगांव, 10 देवरी, 5 सड़क अर्जुनी, 6 गोरेगांव, सालेकसा 3 व बाहरी 10 लोगों का समावेश है. 

    नियमों की अनदेखी

    जिले में जब गिने चुने मरीज ही पाजिटिव पाए गए थे, तब प्रशासन द्वारा काफी सख्ती दिखाई जा रही थी, लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था लेकिन अब इनकी अनदेखी जारी है.