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  • महागांव परिसर के किसानों की मांग

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अर्जुनी मोरगांव. तहसील में धान फसल का उत्पादन बडे़ पैमाने पर लिया जाता है. हर वर्ष खरीफ व रबी धान की बुआई की जाती है. इस वर्ष कोरोना की महामारी से किसानों सहित ग्रामीण नागरिक बडे़ आर्थिक संकट में है. महागांव परिसर में रबी धान फसल बडे़ पैमाने पर लगाई गई थी. लेकिन अब भी हमीभाव खरीदी पूर्ण होना बाकी है.

इस धान खरीदी की अवधि जून के अंत तक समाप्त हो रही है. जबकि आज भी बड़ी संख्या में किसानों के पास धान पड़ा है. जिससे शासन रबी फसल के धान खरीदी की अवधि 30 जुलाई तक बढ़ाए. ऐसी मांग महागांव (सिरोली) परिसर के किसानों सहित भाजपा के पूर्व जिप सदस्य रामदास कोहाडकर ने की है.

जिले की अंतिम छोर वाली अर्जुनी मोरगांव तहसील को धान फसल का कटोरा के रुप में पहचाना जाता है. नवेगांवबांध, इटियाडोह जलाशय से सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था वाली इस तहसील में किसान धान उत्पादन को ही प्राथमिकता देते है. इतना ही नही तहसील के अनेक किसानों ने अपने खेतों में कुएं व बोरवेल की खुदाई भी की है.

सिंचाई की सुविधा होने से उत्पादन क्षमता दिन ब दिन बढ़ रही है. रबी धान खरीदी केंद्र शुरु किए गए है. लेकिन कभी बारदाने का अभाव तो कभी धान गोदाम भरे होने के कारण धान की खरीदी प्रभावित हुई थी. महागांव परिसर के अनेक किसानों के पास धान रखा है. फिलहाल बारिश शुरु हो जाने से खरीफ मौसम की शुरुआत हो गई है. ऐसे में रबी धान खरीदी केंद्र बंद होने के मार्ग पर है. इसे सतत शुरु रखकर खरीदी की अवधि बढ़ाने की मांग की गई है.