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गोंदिया. नॉनकाग्जीनेबल अफेंस में पुलिस कर्मचारी को राहत देने की बात कहकर पैसों की मांग करने वाले सहायक पुलिस निरीक्षक व पुलिस उपनिरीक्षक दोनों को 35 हजार रु.की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई एसीबी के पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत कोकाटे के नेतृत्व में ग्रामीण पुलिस स्टेशन में 18 जून की दोपहर की गई है. इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता पुलिस कर्मचारी यह स्वयं ग्रामीण पुलिस में कार्यरत है. उसके खिलाफ अदलखपात्र प्रकरण दर्ज किया गया. 17 जून को एपीआई प्रदीप मधु अतुलकर ने शिकायतकर्ता के प्रकरण संबंधी पुछताछ करने के लिए पुलिस स्टेशन में बुलाया व आपके खिलाफ दाखिल प्रकरण में चाईल्ड क्रॲल्टी कानून के तहत मामला दर्ज हो सकता है. जिससे आपको नौकरी करने में बाधा निर्माण हो सकती है. इससे बचने के लिए आपको शिकायतकर्ता से समझौता करना पडेगा. इसके लिए 35 हजार रु. का खर्चा आएगा. आप उक्त रकम पुलिस उपनिरीक्षक उमेश ज्योतीराम गुटाल को लाकर दो. इसके बाद हम तुम्हारा समझौता कर मामले का निपटारा कर देंगे. पैसे देने की इच्छा नहीं होने से पुलिस कर्मचारी ने एसीबी में शिकायत कर दी.

इसके आधार पर एसीबी ने सुनियोजित तरीके से जांच बिछाकर सहायक पुलिस निरीक्षक प्रदीप अतुलकर को स्वयं 35 हजार रु.की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. इस प्रकरण में एसीबी की शिकायत पर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई में सहायक फौजदार शिवशंकर तुमडे, विजय खोब्रागडे, हेड कांस्टेबल प्रदीप तुलस्कर, राजेश शेंद्रे, रंजीत बिसेन, दिगंबर जाधव, नितीन रहांगडाले, राजेंद्र बिसेन, वंदना बिसेन, गिता खोब्रागडे, व देवानंद मारबदे ने सहयोग किया.