जिला मुख्यालय में गड‍्ढों से मार्गों की हालत खस्ता

    Loading

    गोंदिया. जिला मुख्यालय वाले शहर में नागरिक खराब रोड-रास्तों से परेशान है. नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत मार्गों की हालत दयनीय हो गई है. जहां-वहां गड‍्ढों की भरमार दिखाई दे रही है. जिससे आवागमन में वाहन चालकों सहित पदयात्रा करने वाले नागरिकों को भी मुश्कील हो रही है.

    बारिश के दिनों में मार्गों पर पानी जमा हो जाता है. जिससे वाहनों का आवागमन होने पर मार्ग पर गड‍्ढे बन जाते है. नगर परिषद मार्गों पर बने इन गड‍्ढों को बुझाने के लिए कोई प्रयास नही कर रही है. जबकि पूर्व में नियमित मुरूम डालकर मार्ग पर बने गड‍्ढों को समतल कर दिया जाता था. जिससे वाहन चालकों को सुविधा होती थी.

    नगर परिषद ने मुरूम की खरीदी करना ही बंद कर दिया है. मुरूम के बदले में मार्गों पर कहीं-कहीं पर मलबा डाल दिया जाता है. इसी तरह गोविंदपुर मार्ग पर गड‍्ढों में काली बजरी डाल दी गई है.

    जिससे वाहन चालकों को राहत मिलने की बजाए उन्हें उल्टी परेशानी भुगतनी पड रही है. नगर परिषद के माध्यम से शहर में नए-नए मार्गों का निर्माण करने के लिए बडी संख्या में निधि आवंटित की जा रही है. लेकिन शहर के सभी क्षेत्रों में गड‍्ढों को बुझाने के लिए 10 से 15 लाख रु. की निधि का प्रावधान नही कर पाना यह आश्चर्य का विषय है.

    इस पर कुछ महीनों तक यातायात विभाग ने कार्य किया. जिससे नागरिकों को राहत मिलनी शुरू हो गई थी. लेकिन बाद में इस प्रक्रिया पर ध्यान देना बंद कर दिया गया. जिससे ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. जिला मुख्यालय में कुछ प्रमुख चौराहों पर यातायात सिग्नल लगाने से यातायात व्यवस्था में कुछ सुधार अवश्य दिखाई दे रहा है. वहीं पुराना बस स्टैंड मार्ग पानी टंकी के समक्ष, मछली-मटन व मुर्गा मार्केट, बावली परिसर, गांधी प्रतिमा, श्री टॉकीज, पुलिस थाने के पीछे, नेहरु चौक, विश्रामगृह परिसर, शंकर चौक, दुर्गा चौक आदि क्षेत्र में बडी संख्या में वाहनों को बेतरतीब तरीके से खडा कर दिया जाता है.

    जिससे नागरिकों को परेशानी उठानी पड रही है. फोर वीलर वाहनों के शहर में प्रवेश करने के लिए सुबह व रात का समय मुकरर किया गया है. जबकि सुबह से ही दिनभर बडे वाहन सीधे शहर में प्रवेश कर रहे है. इसी तरह जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था, पार्किंग स्थल वन-वे मार्ग आदि बनाने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक पानसरे ने उचित कदम उठाकर यातायात समिति बनाने का आश्वासन दिया था. इस संबंध में अब तक कोई कदम नही उठाए गए है. जबकि जिला मुख्यालय में यातायात की विकराल हो रही समस्या को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरुरत है. 

    आखिर पार्किंग की समस्या से कब मिलेगी निजात

    शहर में खराब रोड-रास्तों को लेकर नागरिक पहले ही परेशान है. इसमें अब भारी वाहनों के सतत आवागमन से मुसीबत बढ गई है. जिससे यातायात व्यवस्था में बाधा निर्माण हो रही है. शहर के अनेक प्रमुख स्थानों पर वाहनों की पार्किंग के लिए कोई जगह नही है. जससे छोटे-बडे सभी वाहन चालक अपने वाहन जहां जगह मिली वहीं पर खडे कर देते है. इसके पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे ने भारी वाहनों के यातायात को लेकर आवश्यक सुचना के साथ दिशा निर्देश जारी किए थे.