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  • संक्रमित व्यक्ति की पहचान नहीं होने से बन रही संक्रमण की स्थिति

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गोंदिया. कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. जिले में शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कोरोना की जांच के लिए रैपिड एंटीजन व आरटीपीसीआर परीक्षण किया जा रहा है. इसमें पाजिटिव मरीजों को कोविड केयर सेंटर में जाकर आगे का उपचार लेना होता है इसके साथ ही मरीजों को होम क्वांरटाईन की सुविधा भी उपलब्ध की जा रही है लेकिन अधिकांश होम क्वांरटाईन मरीज घर पर सबसे अलग रहने की बजाय मार्गों पर खुलेआम घूम रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी पाजिटिव मरीजों को होम क्वारंटाईन किया गया है. इसमें उनके लिए स्वतंत्र रूम, शौचालय व स्नानगृह की व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे वे किसी अन्य के संपर्क में न आएं लेकिन ऐसी सुविधा सभी के यहां उपलब्ध नहीं होती, उस कारण परिवार के अन्य व्यक्ति भी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं वहीं परिसर के लोगों को भी खतरा होता है.

कोरोना को ध्यान में रखते हुए कुछ स्थानों पर मायक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं लेकिन ग्रापं व स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी घोषणा नहीं की जाती. इससे वहां कोई पाजिटिव है यह भी परिसर के लोगों को पता नहीं चल पाता. वहीं अनेक कोरोना पाजिटिव मरीज खुलेआम घूमते पाय जा रहे हैं. गंभीर हालातों के चलते ग्रापं स्तर पर कार्य समितियों को गठन किया गया है लेकिन वे सक्रिय नहीं दिखाई दे रही हैं और होम क्वारंटाईन मरीज बाहर घूमते दिखाई दे रहे हैं. पाजिटिव मरीज के घर पर स्टिकर लगाने के निर्देश हैं लेकिन अनेक स्थानों पर इसका कियान्वयन नहीं हो रहा है.

सुपरस्प्रेडर जैसी स्थिति का निर्माण

बदलते वातारण से होने वाली सर्दी, खांसी, बुखार व कोरोना संक्रमण के लक्षणों में लगभग समानता है. जिससे सर्दी, खांसी व बुखार के सौम्य लक्षण दिखा देने के बाद भी लोग जांच करने में टालमटोल करते दिखाई दे रहे हैं. अधिक दिन होने के बाद भी उनका असर कम नहीं होने पर बाद में जांच के लिए जाते और तब तक उनके संपर्क में आने से अन्य लोग प्रभावित हो जाते हैं.

जिससे सुपरस्प्रेडर जैसी स्थिति बन रही है. जबकि सौम्य लक्षण दिखाई देते पर तत्काल जांच की जानी चाहिए और पाजिटिव आने के बाद सख्ती व स्वयं प्रेरणा से 14 दिन के क्वारंटाईन का कालावधी पूर्ण करना चाहिए ताकि अन्य को संक्रमण का खतरा न हो और इस बीमारी पर मात की जा सके.