मानसून के बाद की बारिश ने महाराष्ट्र में धान के किसानों की चिंता बढ़ाई

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गोंदिया. महाराष्ट्र के गोंदिया और भंडारा जिले में मानसून के बाद की बारिश ने धान के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। दोनों जिलों के कृषि अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यदा कदा की बूंदा-बांदी से फसलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर बारिश होती रही है तो इससे खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान होगा। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि गोंदिया और भंडारा राज्य में धान की रोपाई वाले क्षेत्र में आते हैं और वहां के लगभग 60 फीसदी किसान धान की ऐसी किस्मों की रोपाई करते हैं जो जल्दी पक जाती हैं और 90 से 120 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं।

उन्होंने बताया कि गोंदिया की आठ तहसीलों में लगभग 1.91 लाख हेक्टेयर भूमि पर और भंडारा की सात तहसीलों में 1.78 लाख हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने धान की रोपाई की है। कुछ किसानों ने कटाई शुरू कर दी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। गोंदिया जिले के कृषि अधीक्षक गणेश घोरपड़े और भंडारा के कृषि अधीक्षक हिन्दूराव चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि किसानों को अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर और बारिश हुई, तो ‘‘चीजें कठिन हो जाएंगी”। उन्होंने किसानों से कहा है कि वे फसल काटने के काम में पांच से छह दिनों की देरी करें और फसल की कटाई से पहले बारिश के पूर्वानुमान पर भी नजर रखें।(एजेंसी)