Paddy is sold out in UP, farmers forced by middlemen

  • आविम ने नहीं दिया ग्रेडर

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अर्जुनी मोरगांव. जिले की आदिवासी तहसील में शासकीय हमीभाव खरीदी केंद्र में आदिवासी विकास महामंडल ने ग्रेडर नहीं दिया है. जिससे धान की खरीदी शुरू नहीं होने की बात सामने आई है. इस प्रक्रिया से किसानों को परेशानी हो रही है इतना ही नहीं धान खरीदी केंद्रों के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है, ऐसा आरोप किसानों ने लगाया है.

खरीफ सीजन की धान खरीदी करने के लिए शासन के माध्यम से धान खरीदी केंद्र शुरू किए गए है जिससे धान की बिक्री कर अपनी आर्थिक जरूरतें पूर्ण करने का सपना देखने वाले किसानों को जोरदार झटका लगा है.

शासकीय हमीभाव खरीदी केंद्र चलाने शासन ने मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल इन 2 मुख्य एजेंसी की नियुक्ति की है. जिले में मार्केटिंग फेडरेशन अंतर्गत अधिकांश धान खरीदी केंद्र शुरू हो गए है जबकि आदिवासी विकास महामंडल के अधिनस्थ जिले में एक भी धान खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुआ है, इन केंद्रों पर धान की खरीदी नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.

तुड़तुड़ा व रोगों से फसल को क्षति

शुरुआत में तुडतुडा व अन्य रोगों से फसल को बहुत नुकसान पहुंचा है. वहीं बेमौसम बारिश ने रही सही कसर निकाल दी है. इसमें भी महामंडल की खरीदी प्रक्रिया में अकारण विलंब हो रहा है. जिससे किसानों में शासन के खिलाफ रोष व्याप्त है.

जिला आदिवासी विविध कार्यकारी संस्था की बैठक संघ अध्यक्ष शंकर मडावी, सचिव हरीष कोहडे व आदिवासी संख्या के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई जिसमें आदिवासी विकास महामंडल जब तक नियमित ग्रेडर नहीं देता या ग्रेडर के बिना धान खरीदी करने के लिखित आदेश नहीं मिलते तब तक संस्था में धान खरीदी शुरू नहीं करने का निर्णय लिया गया है.