Ignoring the convenience of Kalimata Temple
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गोंदिया. अंतत: ठाकरे सरकार ने 16 नवंबर से मंदिरों, मस्जिदों, चर्च आदि सभी आस्था केंद्रों को खोलने के आदेश दे दिए हैं. उसे लेकर बड़े पैमाने पर श्रध्दालुओं में हर्ष व्याप्त है. उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण तथा लॉकडाउन के चलते धार्मिकस्थलों में प्रवेश पर प्रतिबंध था जिसमें पूजा पाठ विधि से जुड़े पंडितों व इससे संलग्न बड़ी संख्या में लोगों के समक्ष जीविकोपार्जन की गंभीर समस्या निर्मित हो गई थी.

लोगों ने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार तक गुहार लगाई थी. बड़ी संख्या में श्रध्दालुओं की धारणा है कि शासन के इस आदेश के बाद अब पूरी आस्था व उत्साह के साथ पूजनविधि संपन्न होगी तथा कोरोना सहित सभी तरह के संकटों से निश्चित रूप से मुक्ति मिल सकेगी.

बूढ़े और बच्चों को प्रवेश नहीं

दिशा निर्देशों के मुताबिक 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती, दस वर्ष से कम उम्र के बच्चे तथा अन्य बीमारी से पीड़ित आदि को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा धार्मिक स्थलों के अंदर दो व्यक्तियों के बीच की दूरी कम से कम 6 फीट रखने को कहा गया है. मास्क का प्रयोग करना या चेहरे का ढके रहना अनिवार्य है.

एंट्री गेट पर स्क्रीनिंग, सेनिटाइजेशन 

श्रद्धालुओं के लिए एंट्री गेट पर हैंड सैनिटाइजर और स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी. किसी भी व्यक्ति को परिसर में बिना मास्क पहने घुसने नहीं दिया जाएगा. आगंतुकों को अपने चप्पल जूते अपनी गाड़ी के अंदर ही रखने को कहा गया है.