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तिरोड़ा. शिक्षकों के वेतन खाते एक ही बैंक में होने पर वेतन तथा अन्य आर्थिक व्यवहार करने शिक्षा विभाग सहित शिक्षकों के लिए समय बचेगा व परेशानी नहीं होगी. यह जानकारी शिक्षाधिकारी राजकुमार हिवारे ने तिरोड़ा प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते समय दी.

जीरो बैलेंस से खुलेंगे खाते

प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षाधिकारी हिवारे के समक्ष कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण, तिरोड़ा स्थित भारतीय स्टैंट बैंक की शाखा में भीड़ व आगे के लिए एसजीएसपी अंतर्गत खोले जाने वाले वेतन खातों को फिलहाल दूर रखने का आग्रह किया. जिले की सभी 8 तहसीलों में प्राथमिक शिक्षकों के वेतन खाते एक ही स्टैंट बैंक इंडिया में रहने पर कोषागार से बिल मंजूर होते ही सभी शिक्षकों के खाते में कुछ घंटों में वेतन जमा होता है. इस योजना अंतर्गत सभी शिक्षकों के वेतन खाते जीरो रकम से खोले जाएंगे. इस संदर्भ में बैंक के क्षेत्रीय अधिकारी व गट शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए गए है.

NPS आवेदन जरूरी

डीसीपीएस का संपूर्ण हिसाब मिलने के बाद एनपीएस में खाते खोलने की मांग की गई. हिवारे ने बताया कि डीसीपीएस के हिसाब के लिए 15 लोगों की टीम तैयार की गई है जिसका कार्य अंतिम चरण में है.  इतना ही नहीं एनपीएस आवेदन नहीं भरने से डीसीपीएस धारक दो मृत शिक्षकों के परिवार को शासन के 10 लाख रु. के लाभ से वंचित रहना पड़ा है, जिससे एनपीएस आवेदन भरना आवश्यक है. कुछ ही दिनों में डीसीपीएस हिसाब की संपूर्ण रसीद वितरित होगी, एनपीएस के आवेदन शिक्षाधिकारी के लॉगिग से रहेंगे, इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.  

प्रलंबित मांगों पर चर्चा

प्रतिनिधिमंडल ने तिरोड़ा तहसील के शिक्षकों की प्रलंबित मांगों पर चर्चा की. सातवें वेतन आयोग की प्रथम किश्त के संबंध में शिक्षाधिकारी ने गट शिक्षाधिकारी से जानकारी ली. संघ अध्यक्ष वीरेंद्र कटरे, महासचिव अनिरुद्ध मेश्राम, जिला संगठक केदार गोटाफोड़े, तिरोड़ा तहसील अध्यक्ष नरेंद्र आगाशे, महासचिव एमआर पारधी, संगठक उके, कार्याध्यक्ष शैलेंद्र कोचे आदि उपस्थित थे.