बिरसी फाटा (तिरोडा). लाकडाउन के कारण हजामत बनवाने लोग परेशान हो रहे हैं. सलून व ब्यूटी पार्लर संचालक भी आर्थिक मुसीबत में है. कोरोना संक्रमण के कारण कडे निर्बंध लगा दिए गए है.
कइयों का रोजगार छीन गया
लाकडाउन में बड़े-बड़े उद्योग तो बंद हुए ही हैं. छोटे व्यवसाय और व्यवसायियों की रोजी रोटी भी छीन गई है. ऐसा ही एक व्यवसाय है सलून (हजामत) का जो पूरी तरह ठप पड़ गया है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. सलून व्यावसायियों की भी चिंता बढ़ गई है. अनेकों का इसी व्यवसाय पर गुजारा होता है, बिरसी फाटा व परिसर के गावों में भी सैलून की कई दूकानें है. संक्रमण की दहशत के बीच लोग सलून में अपनी हजामत, बाल और दाढ़ी बनवाने परेशान होना पड़ रहा है. दाढ़ी तो बहुत लोग स्वयं ही बना लेते हैं लेकिन बाल कटवाना अपने हाथ से संभव नहीं होने से एक नई परेशानी खड़ी हो गई है.
सजना-संवरना भला किसे अच्छा नहीं लगता. लोग इस पर अच्छा खासा खर्च करते हैं. लाकडाउन से पहले सलून और ब्यूटी पार्लर का धंधा अच्छा चल रहा था. उसके बाद कड़े निर्बंधों के चलते व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर तोड़ दी. इनके समक्ष भुखमरी की नौबत आने लगी है.
नहीं मिल रही मदद
ब्यूटी पार्लर और सलून के कारोबारियों को सरकारी स्तर से भी कोई मदद नहीं मिली. सैलून संचालक व कारीगरों के समक्ष परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. उनका कहना है कि वह तो घर-घर भी जाकर काम करने के लिए तैयार हैं लेकिन हालात ऐसे हैं कि कोई उन्हें घर पर भी बुलाना नहीं चाहता. सलून कारीगरों की माली हालत खराब है. अधिकतर लोग रोज कमाने खाने वाले हैं. लाकडाउन के शुरुआती दिनों में सलून संचालकों ने कारीगरों की अपने स्तर से मदद की लेकिन बाद में वह भी लाचार हो गए. इस व्यवसाय में अनेक युवा कार्यरत है.
सीजन में नुकसान
शादी-ब्याह के सीजन में अच्छी कमाई हो जाती थी, लेकिन इस बार शादी या कोई बड़ा कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं है. ऐसे में सीधे रोजगार पर इसका प्रभाव पड़ा है. ज्यादातर दूकानों की स्थिति यह हो गई है कि काम में रखे हुए कर्मचारियों को वेतन भी घर के पैसे देकर करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि लागत के अनुसार आमदनी नहीं हो रही है. इस कारण पूरा खर्च बढ़ गया है, आमदनी घट गई है.
किराये को लेकर परेशानी
लाकडाउन की वजह से दूकान बंद है. ऐसे में किराया कहां से आएगा और इसकी भरपाई कहां से होगी. यह चिंता भी सता रही है. युवा वर्ग अपने से सेविंग कर तो लेता है पर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो नियमित दूकान आकर सेविंग कटिंग कराते हैं. सब बंद हो गया है. वहीं शादी का सीजन भी था पर कोरोना ने सब पर ग्रहण लगा दिया.
संक्रमण का खतरा, दूकानें बंद
कोरोना वायरस के संक्रमण के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस महत्वपूर्ण है. सलून पार्लर में इसका पालन हो पाना संभव नहीं है. कटिंग सेविंग के दौरान आंख, नाक और मुंह के आसपास हाथ का जाना स्वभाविक है. इसलिए संक्रमण का खतरा अधिक है. लाकडाउन के दौरान लोग घर पर हैं. दो वक्त का खाना पानी किसी तरह नसीब तो हो रहा है, पर व्यवसाय चौपट होने से आर्थिक तौर पर इससे जुड़े लोग दिनों दिन कमजोर हो रहे हैं. लाकडाउन जितना बढ़ेगा उतनी परेशानी सलून और पार्लर संचालकों को झेलनी पड़ेगी. कारागिरों को आर्थिक सहाय्यता करने की मांग बिरसी फाटा तथा परिसर के सैलून व्यावसायिकों द्वारा की गई है.