गोंदिया. जिले में कोरोना काल के बीच में ही उपजी ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) बीमारी से लोगों में भारी दहशत है. जिले में अब तक 20 से अधिक मरीजों में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं. इसी बीच इस बीमारी के 2 मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया. इसके बाद उन्हें शासकीय मेडिकल कालेज में रेफर किया गया. इसमें गोरेगांव तहसील निवासी 46 वर्षीय एक व्यक्ति यह 12 मई से कोरोना पीड़ित था. डायबिटीज अधिक होने से उसे ब्लैक फंगस ने जकड़ लिया. इस बीमारी का संक्रमण बढ़ने पर मरीज की आंखें प्रभावित हो रही थीं. जिससे उसकी हालत चिंताजनक हो गई थी. इस स्थिति को देखकर शासकीय मेडिकल कालेज में मरीज पर शल्यक्रिया करने का निर्णय लिया गया.
इस बीमारी के मरीज पर यहां शासकीय मेडिकल कालेज में पहली शल्यक्रिया थी. इसकी प्रक्रिया को नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डा. गौरव अग्रवाल व उनकी टीम ने सफलतापूर्वक संपन्न किया. इसमें दूरबीन की मदद से नाक की शल्यक्रिया की गई. जिसमें 2 घंटे का समय लगा. इसके बाद मरीज की 4 सप्ताह तक देखभाल आवश्यक है. इस शल्यक्रिया के लिए डा.गौरव अग्रवाल के साथ उनके सहयोगी डा. कृपाल पारधी, डा. हरकंवल बग्गा, डा. विनीता यादव, डा. रमेश सुगंध, डा. गजानन खरपाल, डा. रश्मि पारधी व अन्य टेक्निशियन कर्मचारियों ने सहयोग किया.
अन्य मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं
इसी तरह अन्य मरीजों में फिलहाल गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं. जिससे उनका अलग अलग हास्पिटल में उपचार शुरू है. उल्लेखनीय है कि इस बीमारी के मरीज पर शल्यक्रिया करने के लिए उसे नागपुर रेफर किया जा रहा था लेकिन शासकीय मेडिकल कालेज गोंदिया में सफल शल्यक्रिया होने के बाद अब मरीजों को नागपुर नहीं भेजा जाएगा. इस शल्यक्रिया के लिए शासकीय मेडिकल कालेज के डीन डा. नरेश तिरपुड़े ने डा. गौरव अग्रवाल सहित उनकी टीम की प्रशंसा की है.