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  • रोगायो कार्य में गड़बड़ी का आरोप

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तिरोड़ा. पंस तिरोड़ा अंतर्गत ग्रापं बिहिरिया में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मालगुजारी तालाब, बोड़ी गहराईकरण के काम में फर्जी मजूदरों के नाम दर्ज कर सरपंच, ग्राम रोजगार सेवक, ग्राम सेवक व कनिष्ठ अभियंता ने मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया है. इस प्रकरण की जांच में सभी दोषी पाए गए है. इसकी शिकायत सभी संबंधित अधिकारियों से की गई है, किंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.

हाजिरी रजिस्टर में फर्जी नाम

ग्रापं बिहिरिया में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत तालाब गहराईकरण के काम में ग्राम रोजगार सेवक ने रजिस्टर में फर्जी मजदूरों की हाजिरी दर्ज कर पैसे उठाए हैं. मजदूरों को तुम्हारी रोजी बढ़ाने के नाम पर 100 रुपये प्रति मजदूर अनुसार 25 से 30 हजार रुपये की वसूली की. इसके बाद राशि सरपंच, रोजगार सेवक व कनिष्ठ अभियंता ने आपस में बांट ली. ऐसा आरोप लगाया गया है. 

7 महीने बाद भी कोई एक्शन नहीं

ग्राम रोजगार सेवक ने फर्जी नाम दिखाकर 580 उठाए है. कई लोगों के नाम दर्ज कर मजदूरी की रकम निकाली गई. पूर्व सरपंच मोतीराम ठाकरे, गजानन जमईवार, पतिराम ठाकरे आदि ने प्रकरण की शिकायत निवारण प्राधिकारी पी. एस. मेश्राम से की थी.  जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें पदमुक्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने 11 मार्च 2020 को आदेश पारित किया गया.

फर्जी हाजिरी प्रकरण व मजदूरी निकालने वाले हाजिरी रजिस्टर का सरपंच ने निरीक्षण किया. उस मस्टर पर हस्ताक्षर कर सील कर दिया. इसमें सरपंच भी इस भ्रष्टाचार में शामिल है. ऐसा लग रहा है. जिससे उन्हें भी सरपंच पद से पदमुक्त करने के आदेश पारित किया गया है, लेकिन 7 महीने बितने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिससे शिकायतकर्ताओं में प्रशासन के खिलाफ असंतोष व्याप्त है.