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गोंदिया (का). जिले की अधिकांश आबादी खेती या खेती से जुड़ी मजदूरी के कामों पर ही निर्भर है. जिले में अधिकांश स्थानों में रबी व खरीफ की फसलें ली जाती हैं. जिले से हर साल हजारों की संख्या में लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं. जिले में खेती ही लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन है.

नहरों का जाल भले ही क्षेत्र में फैला हुआ है लेकिन दशकों पुरानी नहरों के खराब हो जाने, जगह-जगह टूट-फूट के कारण कई लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है. इन दिनों लोगों के पलायन होने का सिलसिला लगातार जारी है. यदि नहरों का सुधार करा लिया जाए तो मजदूरों और किसानों को फायदा होगा.

मनरेगा से हो सकता है सुधार
इन दिनों जिले में मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. लोगों को घर के पास ही रोजगार देने के लिए कई काम किए जा रहे हैं. किसानों की अपेक्षा है कि मनरेगा से बारिश के पहले यदि नहरों को दुरुस्त करा दिया जाए तो इससे मजदूरों को घर के पास ही रोजगार मिलेगा वहीं आने वाले मौसम में किसानों को भी फायदा होगा.