अर्जुनी मोरगांव. तहसील में हुई वापसी की जोरदार बारिश ने किसानों को फिर रुलाया है. बारिश के कारण किसानों की धान फसल बर्बाद हो गई है. इसके पहले भी हुई बारिश के कारण धान को नुकसान पहुंचा था. बावजूद फसल नुकसान का अब तक प्रशासन की ओर से निरीक्षण तक नहीं किया गया.
बताया गया कि किसान हमेशा से ही प्राकृतिक आपदा की वजह से संकट में घिरे रहते हैं. साथ ही किसान अपनी फसलों को लगाने के लिए बार-बार बैंकों से कर्ज लेते हैं, लेकिन अचानक बारिश आने के बाद उनकी फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है. ऐसे में किसानों को चिंता सताती रहती है कि उनके द्वारा लिए गए कर्ज की वापसी कैसे की जाए.
जोरदार बारिश ने किसानों को रुला दिया है. इतना ही नहीं तो धान फसल को तुड़तुड़ा नामक कीट की बीमारी लगी हुई है, लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान ऐसी फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करने में भी असमर्थ हैं.
यह तहसील धान फसल के लिए पहचानी जाती है. जहां खरीफ मौसम के साथ ही रबी मौसम में फसलें ली जाती है, लेकिन इस वर्ष समय पर बारिश नहीं हुई. अनेक किसानों को खेती कार्य से वंचित रहना पड़ा.
जिन्होंने धान फसल लगाई थी उनकी खड़ी फसल कटाई के दौरान ही अचानक बारिश ने दस्तक दे दी. जोरदार हुई बारिश ने तहसील के कई स्थानों पर किसानों की फसलें चौपट कर दी हैं. बीते सप्ताह से तहसील के किसान बारिश की वजह से परेशान हो चुके हैं. कटाई के लिए तैयार हो चुकी फसल बारिश की वजह से पूरी तरह से जमीन पर बिछ गई है. ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही है.