MNREGA Workers, Gondia, Praful Patel

  • प्रतिनिधि मंडल को दिया आश्वासन

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गोंदिया. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना महाराष्ट्र राज्य व केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है. जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार निर्माण कर गरीब लोगों रोजगार देने का कार्य किया जा रहा है. महाराष्ट्र राज्य में गोंदिया जिला रोजगार देने में देश में अव्वल साबित हुआ है.

मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ इन निकट के राज्यों में मनरेगा कर्मी स्थाई रूप से पदस्थ कर दिए गए है. मग्रारोगायो के कर्मियों ने ग्राम तेढवा के सरपंच गोविंद तुरकर के नेतृत्व में नियुक्ति आदेश व मानधन वृद्धि को लेकर प्रफुल पटेल से भेंट कर उनके समक्ष मांग रखी.

मनरेगा कर्मियों के संपूर्ण महाराष्ट्र में केवल गोंदिया को छोड़कर 17 सितंबर 2019 के शासन निर्णय अनुसार बढ़ा मानधन दिया गया है. जबकि गोंदिया जिले के कर्मी अत्यल्प मानधन पर कार्य कर दायित्व बखूबी निभा रहे हैं. इतना ही नहीं पिछले 1 माह से उन्हें अगला आदेश नहीं दिया गया है. इस संदर्भ में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया गया है, लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष से मनरेगा कर्मियों की ओर दुर्लक्ष किया जा रहा है.

रोजागर देने में जिला रहा अव्वल

जिले के मनरेगा कर्मियों ने 26 नवंबर 2020 से न्यायिक मांग के लिए अनिश्चितकालीन काम बंद किया है. मनरेगा के काम में गोंदिया जिला मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए अग्रसर होकर संपूर्ण भारत में प्रथम पुरस्कार हासिल किया है. विश्व कोरोना  महामारी से प्रभावित है. जबकि मनरेगा कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को रोजगार देकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत की है. इसी दौरान देवरी तहसील में संजू डोये की मृत्यु हो गई. जिससे उसके परिवार पर भूखों मरने की नौबत आ गई है. बावजूद जिलाधीश ने मनरेगा कर्मियों की बिकट स्थिति को नहीं समझा है.

जिला आदिवासी व नक्सलग्रस्त होने से हमेशा मनरेगा कर्मचारी पर अन्याय व अत्याचार हो रहे हैं. अन्य जिलों में मनरेगा के संदर्भ में शासन निर्णय तत्काल लागू कर दिए जाते हैं. जबकि गोंदिया जिले में हमेशा संघर्ष करना पड़ता है. इस समस्या का जल्द ही निवारण करने का आश्वासन पटेल ने मनरेगा कर्मियों को दिया है.