Silent March

  • उमेद के निजीकरण का विरोध

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गोंदिया. राज्य शासन महाराष्ट्र राज्य जीवनोन्नति अभियान (उमेद) का निजीकरण करने में जुट गया है. जिससे सरकार के इस निर्णय के खिलाफ जिले की हजारों महिलाओं ने एकत्र होकर जिलाधीश कार्यालय पर मूक मोर्चा निकालकर निजीकरण का विरोध दर्ज किया है.

इस आंदोलन को वंचित बहुजन आघाड़ी, शेड्यूल कास्ट फेडरेशन व आयटक ने समर्थन घोषित किया है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिलाएं आंदोलन में शामिल होने के लिए आई थीं.

जिससे जिलाधीश कार्यालय सहित आमगांव मार्ग पर यातायात काफी देर तक अवरुद्ध हो गया. इस अवसर पर महिलाओं के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें महाराष्ट्र राज्य जीवनोन्नति अभियान का निजीकरण रद्द करने, उमेद कर्मचारियों का वार्षिक अनुबंध का नवीनीकरण करने, सेवा से निकाले गए कर्मियों को पुन: काम पर लेने सहित अन्य मांगों का समावेश है.

आंदोलन में निशा शेंडे, अनीता तुरकर, इंदू पारधी, सविता टेंभेकर, ओमेश्वरी रहांगडाले, वंदना तुरकर, साधना चव्हाण, गीता वरकड़े सहित अनेक महिलाएं शामिल थी.