बाढ़ से निपटने जनजागृति करें, कोरोना से भी निपटना है : बलकवड़े

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गोंदिया (का). जिलाधीश डा. कादंबरी बलकवड़े ने कहा कि आपत्ति यह कभी बताकर नहीं आती. आपत्ति का स्वरुप बड़ा हो या छोटा हो, फिर भी उस पर नियंत्रण हासिल करने के लिए पूर्व नियोजन करना आवश्यक है. प्रशिक्षण व जनजागृति यह आपत्ति व्यवस्थापन के दो पहलू है. आपत्ति के दौरान जनजागृति व दक्षता इन शस्त्रों का उपयोग कर बाढ़ की स्थिति व कोरोना पर मात किया जा सकेगा.

बाढ़ परिस्थिति खोज व बचाव पर प्रशिक्षण
जिलाधीश कार्यालय नियोजन समिति के सभागृह में आयोजित बाढ़ परिस्थिति खोज व बचाव कार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम में वे उपस्थित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. उपजिलाधीश स्मिता बेलपत्रे, राज्य आपत्ति दल नागपुर गट क्र.1 के टीम कमांडर सहायक समादेशक सुरेश कराडे़, राज्य आपत्ति प्रतिसाद दल नागपुर के पुलिस उपनिरीक्षक अजय कालसर्पे, तहसीलदार राजेश भांडारकर, जिला आपत्ति व्यवस्थापन अधिकारी राजन चौबे, फायर ब्रिगेड विभाग के अधिकारी लोकचंद भेंडारकर, जिला खोज व बचाव दल प्रमुख किशोर टेंभुर्णे उपस्थित थे.

नदी किनारे रहने वाले सतर्कता बरतें
डा. बलकवड़े ने कहा कि इस वर्ष जिला प्रशासन के समक्ष कोरोना बीमारी तथा बाढ़ परिस्थिति ऐसे दो चुनौतियां है. इन दोनों समस्याओं का सामना करने के लिए सभी विभाग के व हर एक अधिकारी, कर्मचारी सतर्क रहकर कार्य करें. खोज व बचाव कार्यों में जिले के आपत्ति व्यवस्थापन दल को राज्य आपत्ति प्रतिसाद दल से प्राप्त प्रशिक्षण का उपयोग आगे आने वाली आपत्ति पर प्रभावी रूप से करना जरूरी है. इस वर्ष जिले के जलाशय व तालाबों में गत वर्ष की अपेक्षा पानी संग्रह अधिक है जिससे आने वाले समय पर बाढ़ परिस्थिति का सूक्ष्म नियोजन करना आवश्यक है. मध्य प्रदेश से आने वाले पानी विसर्ग का उचित नियोजन करना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि नदी किनारे वाले गांवों के नागरिकों को सतर्कता का संकेत लेना जरूरी है. इसके लिए नियुक्त किए गए क्षेत्र अधिकारी को मुख्यालय में रहकर बाढ़ परिस्थिति की तत्काल जानकारी वरिष्ठों को देना आवश्यक है. कराड़े ने बताया कि सजग नागरिक यह सुरक्षित नागरिक है. उन्होंने बाढ़ के प्रकार, बाढ़ आने के कारण, जलाशय से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना, मौसम विभाग का अनुमान आदि की जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान खड़बंदा जलाशय के पानी में रबर बोट व इंजन के प्रशिक्षण, खोज व बचाव करते समय पानी में डूबे व्यक्ति की खोज करना, पानी के प्रवाह में बोट का उपयोग आदि प्रदर्शन कर प्रशिक्षण दिया गया.