सफल हो रही तंबाकू मुक्ति की मुहिम, व्यसन प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं का अभियान रंग ला रहा

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    गोंदिया. जिप शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सलाम मुंबई फाउंडेशन व स्वास्थ्य प्रबोधिनी के संयुक्त उपक्रम से तंबाकू मुक्ति अभियान क्रियान्वित किया गया. शैक्षणिक संस्था में तंबाकू मुक्ति के वातावरण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष तंबाकू विरोधी दिन के वचनबद्ध यह घोष वाक्य तंबाकू छोड़ने के लिए दिया है. इसके अंतर्गत जिले की सभी शालाओं में तंबाकू मुक्ति अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है. इसी श्रृंखला में जिले की 1601 शाला तंबाकू मुक्त हुई हैं.

    शासन स्तर पर विभिन्न पद्धति से तंबाकू पर नियंत्रण लाने का प्रयास किया जाता है  लेकिन तंबाकू नशे की समाज मान्यता को देखते हुए केवल नियंत्रण पर्याप्त नहीं है. वहीं इसकी उपलब्धता कम करने, नई पीढी इसका प्रयोग न करें और बचपन से ही तंबाकू विरोधी संस्कार करना बहुत आवश्यक है. तंबाकू की उपलब्धता कम करने के लिए  सरकार का कोटपा कानून महाराष्ट्र शासन की तंबाकूजन्य पदार्थो पर बंदी विभिन्न शासकीय आदेश द्वारा तंबाकू का उपयोग कम करने के लिए उपाय योजना जिसके द्वारा तंबाकू की उपलब्धता पर नियंत्रण करने का प्रयास शुरू है. इसके लिए अधिकाधिक जन सहयोग, युवकों, महिलाओं की श्रृंखला काम पर जुटी हुई है.

    वहीं तंबाकू पर नियंत्रण लाना बचपन में सरल होता है. तंबाकू के दुष्परिणाम के परिणाम की जानकारी व्यापक प्रमाण में दी तो नई पीढ़ी तंबाकू के नशे से दूर रहेगी. तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्था इस उपक्रम द्वारा विद्यार्थियों पर तंबाकू के दुष्परिणाम कैसे घातक होते है. इस पर मार्गदर्शन करने की जरूरत है. सन 2012 से स्वास्थ्य प्रबोधिनी और सलाम मुंबई फांउडेशन के संयुक्त प्रयास से शिक्षक, प्राध्यापक, आंगनवाड़ी सेविका व आशा सेविका आदि का प्रशिक्षण सतत शुरु है.

    उस दृष्टि से अनेक शैक्षणिक संस्था शासन के मानक पूर्ण कर तंबाकू मुक्त हो गई है. इसी तरह पुलिस पटेल की सक्रियता से अनेक गांवों में तंबाकू बंदी हुई है. 

    शालाओं में व्यापक जनजागृति

    अधिकाधिक विद्यार्थी तंबाकू व खर्रे से दूर रहें, नशामुक्त रहें इसके लिए प्रयास करना जरूरी है. उसके लिए पालकों को घर में तंबाकूमुक्त वातावरण निर्माण करे. शालाओं को विद्यार्थियों के लिए शाला में तंबाकू मुक्त वातावरण निर्माण करें. वहीं समाज के अन्य जिम्मेदार घटकों द्वारा समाज में तंबाकू मुक्त वातावरण निर्माण करने मदद करें. जिससे भावी पीढ़ी तंबाकू के संकट से बचेगी.

    स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम

    मुख की दुर्गंध, दांतों का रंग चाकलेटी काला होना, जबड़े के रोग, दांतों का ढिलापन, धुम्रपान से व्यक्ति के होंठ व उंगलियों पर काले दाग पडना, कैंसर के पूर्व लक्षण याने ल्युकोप्लेकिया व सबम्युकस फायब्रोसिस जैसे विकार की निर्मिती से मुख से होती है. इसी तरह तंबाकू के सेवन से आजू बाजू का परिसर यह प्रदूषित और अस्वच्छ होता है. सार्वजनिक अस्वच्छता से विभिन्न संक्रमण रोगों का प्रभाव बढ़ता है. बच्चों की उंचाई नहीं बढ़ती, स्त्रियों की प्रजनन क्षमता कम होती है.