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गोंदिया (का). संक्रमण अधिनियम व आपत्ती व्यवस्थापन कानून की तरह राज्य में सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू, सुपारी, पान, पान मसाला, गुटखा सहित अन्य तंबाकू पदार्थो का सेवन व थूंकने तथा धूम्रपान को प्रतिबंध करने उपाय योजनाओं पर कड़ाई से क्रियान्वयन करे ऐसा निर्णय राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने लिया है.

इस निर्णय को लागू करने के अधिकार घोषित किए गए सक्षम प्राधिकारी को प्रदान किए है. जिसमें संबंधित प्राधिकारी को उसके अधिपत्य वाले क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश, दंड व दंडनीय कार्रवाई संबंधी व्यापक जनजागृति व सार्वजनिक स्थलों पर फलक लगाने है. यह आदेश संपूर्ण राज्य के शासकीय, गैर शासकीय, निजी कार्यालय, मंडल व्यवसायिक, शैक्षणिक, वैद्यकीय क्षेत्र, बस स्थानक, रेलवे, न्यायालयीन संस्था, होटल, बाजार क्षेत्र में लागू रहेंगे.

उल्लेखनीय है कि सार्वजकिन धूम्रपान प्रतिबंध कानून 2003 से लागू है. वहीं 18 जुलाई 2013 के निर्णय अनुसार सुगंधित तंबाकू, सुपारी का निर्माण, संग्रह व वितरण तथा बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसमें विशेषकर नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरा निर्माण होता है. कंैसर, टीबी, स्वाईन फ्लू, निमोनिया जैसी घातक बीमारियों का फैलाव होता है इतना ही नहीं कोविड जैसी महामारी संक्रमण यह थूंक के माध्यम से होने की बात स्पष्ट हुई है. इस संदर्भ में अति सतर्कता लेकर जनता के हित के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना करने के लिए राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है. उक्त आदेश प्रधान सचिव डा.प्रदीप व्यास ने जाहीर किया है.

जुर्माना व सजा का प्रावधान
सार्वजनिक स्थल पर थूंकते पाए जाने पर पहली बार के लिए 1 हजार रु. दंड व सार्वजनिक सेवा करनी पडे़गी. इसी तरह दूसरी व तीसरी बार अपराध के लिए 3 व 5 हजार रु. दंड तथा 3 व 5 दिन सार्वजनिक सेवा करनी होगी. इसके साथ ही 6 माह से दो वर्ष तक कारावास की सजा का प्रावधान है. इतना ही नहीं सिगरेट व तंबाकू के उत्पादन के विज्ञापन, पूर्ति, व्यापार व वितरण के लिए भी कडे़ जुर्माने का प्रावधान है.