प्रतीकात्मक तस्वीर
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    गोंदिया. नागपुर से बिलासपुर के बीच 411 किमी लंबे सेमी हाईस्पीड कारीडोर का पहला चरण पूरा हो गया और इसी के साथ नागपुर से दुर्ग के बीच अब ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जा सकेंगी. अंतिम ट्रायल के बाद सीआरएस (कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी) ने इस रफ्तार को हरी झंडी दे दी है. यह चरण डोंगरगढ़ से राजनांदगांव तक करीब 32 किमी रेल लाइन पर 130 किमी. की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर पूरा किया गया है जो अंतिम ट्रायल था.

    दुर्ग-बिलासपुर का काम जून तक

    यही नहीं दुर्ग से रायपुर होकर बिलासपुर तक 140 किमी के हिस्से में भी काम चल रहा है और जून तक यहां का ट्रैक भी 130 की रफ्तार से ट्रेन चलने लायक हो जाएगा. अभी नागपुर से बिलासपुर के बीच औसतन 90 किमी की रफ्तार से ही ट्रेनें दौड़ रही हैं. लाकडाउन के कारण रेलवे ने नागपुर से दुर्ग-रायपुर होकर बिलासपुर तक सेमी हाईस्पीड कारीडोर तैयार करने का काम तेजी से पूरा किया है. इसकी कुल लंबाई 411 किमी है. अगर नागपुर से बिलासपुर तक 130 की गति से ट्रेन दौड़ने लगेंगी तो रायपुर-नागपुर की दूरी सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनों में ही सवा घंटे कम हो जाएगी. अभी साढ़े 4 से 5 घंटे लगते हैं, जो घटकर साढ़े 3 घंटे हो जाएगा. इसी तरह रायपुर से बिलासपुर के बीच जहां लगभग पौने 2 घंटे लगते हैं, वह सवा घंटा ही लगेगा. एक जानकारी के अनुसार ट्रैक पर रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे जल्दी ही काशन जारी करने वाला है. 

    ऐसा बना हाईस्पीड कारिडोर

    ऐसा पहली बार हुआ है जब एक रेलपथ 260 से 350 मीटर तक है, यानी एक किमी में बमुश्किल तीन ज्वाइंट पटरियां जोड़ऩे की तकनीक इस्तेमाल की गई, ताकि सिकुड़ने व फैलने से ट्रैक को हानि न हो. राजनांदगांव से डोंगरगढ़ के बीच 26 नए पुल-पुलिया बनाई गई हैं. एक अन्य जानकारी के अनुसार तीसरी लाइन इस तरह डिजाइन की गई है ताकि ट्रेनें सुरक्षित तेज चल सकें. 

    20-25 किमी तक ज्यादा स्पीड

    रेल अधिकारियों के अनुसार सेमी हाईस्पीड कारीडोर पर टे्रेनों की गति 20 से 25 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जाएगी. पहले उन ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, जिनमें एलएचबी कोच लगे हैं, क्योंकि यह बोगियां आसानी से 130-140 की रफ्तार से चल सकती हैं. 130 का ट्रायल कामयाब रहा तो इसी ट्रैक पर राजधानी व दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों की गति 160 तक कर दी जाएगी. 

    नागपुर-बिलासपुर दिसंबर तक

    दुर्ग से रायपुर होते हुए बिलासपुर तक 145 किमी रेल लाइन अपग्रेड की जा रही है. इसे सेमी हाईस्पीड कारीडोर में बदलने की डेड लाइन दिसंबर 2021 है. रेल प्रशासन के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछले माह से नागपुर से दुर्ग के बीच पटरियों पर 130 किमी प्रति घंटे की गति से कई ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं. 24 एलएचबी कोच वाली ट्रेनों का ट्रायल सफल रहा है. इस दौरान नागपुर से दुर्ग पहुंचने में एक घंटा कम लगा है. 

    अभी कम है स्पीड

    कोरोना संक्रमण के कारण रायपुर से चार जोड़ी ट्रेनें गुजर रही हैं. बाकी बंद हैं. अभी यहां ट्रेनों की स्पीड 70-100 किमी प्रति घंटा ही निकल पा रही हैं. पटरियों को मजबूत करने के लिए इस ट्रैक पर काफी स्लीपर बदले हैं. पटरियों की डीप स्क्रीनिंग का काम भी चल रहा है. कर्व वाली लाइन भी अपग्रेड हो रही है. पटरियों के किनारे बेरिकेड लग रहे है. रायपुर रेल मंडल में ही 40 किमी बेरिकेडिंग हो चुकी है.