Tree on Road, Gondia

  • आवागमन में बाधक, दुर्घटनाओं की संभावना

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तिरोड़ा. शहर का मुख्य मार्ग रानी अवंतिबाई प्रतिमा से स्टेशन तक 6 महीने पूर्व बनकर तैयार हुआ. उसके दोनों बाजू से स्नेहल सिनेमा से स्टेशन तक पानी निकासी के लिए नाली बनाई गई व इसी मार्ग पर डिवाइडर बनाकर पथदीप के लिए पोल लगाए गए. परिसर में मार्ग की चौड़ाई 20 मीटर है. मार्ग पर वन विभाग के कार्यालय के सामने कई वर्ष पुराना पिपल का बड़ा पेड़ है जो मार्ग के बीचोंबीच है. इसकी गोलाई 42 फीट व ऊंचाई 250 फीट है. इसकी शाखाएं गोलाकर आकार में मार्ग पर 20 चौरस मीटर में फैली हुई है.

मार्ग का निर्माण का पेड़ परिसर से छोड़कर किया गया. पेड़ की वजह से मार्ग की चौड़ाई कम हो गई और नाली तक खुली जगह भी छूट गई. जिससे आवागमन के लिए मार्ग बहुत सकरा हो गया. मार्ग बनाने से पहले पेड़ को लेकर कोई नियोजन नहीं किया गया होगा, अन्यथा आवागमन की समस्या को ध्यान में रखते हुए पेड़ को काटना जरूरी था. ऐसा नहीं करने से आवागमन में परेशानी हो रही है. इसी रास्ते पर पहले कई बड़े बड़े पेड़ थे, लेकिन आवागमन सुव्यस्थित करने की दृष्टि से उन्हें काटा गया.

मार्ग की चौड़ाई हुई कम 

शहर के मार्ग का सीमेंटीकरण हुआ, जिसमें बीच बीच में मार्ग की कम ज्यादा चौड़ाई दिखाई दे रही है. उसमें पुरानी कोर्ट इमारत से रानी अवंतिबाई प्रतिमा तक 20 मीटर चौड़ाई, रानी अवंतिबाई प्रतिमा से नाग मंदिर तक 14 से 16 मीटर चौड़ाई, स्नेहल सिनेमा से नप गांधी विद्यालय तक 20 मीटर चौड़ाई, गांधी विद्यालय से स्टेशन के गोडाउन तक 24 से 28 मीटर चौड़ाई होने से तथा यह शहर का मुख्य मार्ग होने से शहर की जनता में भ्रम निर्मित हो गया है. समान चौड़ाई का मार्ग बनाने में संबंधित विभाग को क्या परेशानी थी ऐसा सवाल किया जा रहा है. 

नाली निर्माण नहीं होने से होगी दिक्कतें

स्नेहल सिनेमा से रानी अवंतिबाई प्रतिमा तक नाली का निर्माण नहीं किया गया, जबकि सभी मार्गों के दोनों बाजू में नालियों का निर्माण किया गया. इसके पूर्व रिहायशी परिसर होने से व पानी निकासी के लिए नाली नहीं होने से घरों में भी पानी घूस जाता है. व्यापारी प्रतिष्ठानों की रखी सामग्रियां खराब होने पर आंदोलनात्मक प्रसंग भी निर्मित हुआ है. समय को देखते हुए नगर प्रशासन ने नाली निर्माण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसे अब तक नहीं बनाया गया. यह पेड़ काटकर मार्ग का चौड़ाईकरण नहीं किया गया तो बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है. शायद बड़ी दुर्घटना होने के बाद ही उक्त पेड़ को काटने का निर्णय नप प्रशासन लेगा.